(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
World Liver Day: कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ खुद को गंभीर बीमारियों से रखें सुरक्षित
World Liver Day: विश्व लीवर दिवस पर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और गंभीर बीमारियों के लिए कवरेज के बारे में जानें जिससे आप गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं.
सिद्धार्थ सिंघल
World Liver Day: अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचना असंभव के समान है. हालांकि, इस प्रकार की हेल्थ इमरजेंसी के साथ आने वाले वित्तीय प्रभावों को अभी भी कम किया जा सकता है. लिवर रोग वर्तमान में सभी उम्र के लोगों में एक ऐसी ही चिंताजनक बीमारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लीवर की बीमारियां देश में मृत्यु का दसवां सबसे आम कारण हैं, और पांच में से एक भारतीय के इस लीवर रोग संबंधी परेशानियों का सामना करने की संभावना है.
लिवर संबंधी गंभीर बीमारियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण प्रभाव और व्यक्तियों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को ध्यान में रखते हुए, एक मजबूत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ खुद को सुरक्षित रखना आवश्यक हो गया है. इसलिए, विश्व लीवर दिवस पर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और गंभीर बीमारियों के लिए कवरेज के बारे में जानते है-
गंभीर बीमारी के कवर के साथ कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व
भारत में लिवर विकार बढ़ रहे हैं, हर साल 10 लाख लोगों में लिवर सिरोसिस से डायग्नोस्ड होते है. इसके अतिरिक्त, मोटापे की वजह से NAFLD में भी काफी वृद्धि हुई है, रिपोर्ट्स के मुताबिक जो अब देश में 40 फीसदी आबादी और वैश्विक आबादी के 25-30 फीसदी को प्रभावित करता है. मैट्रो और टियर-2 को शहरों में लिवर सिरोसिस के उपचार की लागत 10 लाख रूपये से लेकर 30 लाख रूपये तक कही भी हो सकती है, और लिवर ट्रांसप्लांट का खर्च भारत में 36 लाख से रूपये से भी अधिक हो सकता है.
इसके अतिरिक्त, उपभोग्य सामग्रियों को जोड़ने से पॉलिसीधारक को सुइयों, सीरिंज, दस्ताने आदि जैसे खर्चों से लाभ होगा, जो अंतिम अस्पताल बिल के काफी परिव्यय के लिए होता है
इस प्रकार, हाई ट्रीटमेंट कोस्ट और मेडिकल इन्फलेशन के वित्तीय बोझ से खुद को बचाने के लिए, लिवर विकारों जैसी गंभीर बीमारियों को कवर करने वाले कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करना उत्तम विकल्प है. एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों, एडवांस्ड मेडिकल ट्रीटमेंट कोस्ट और सर्जरी से संबंधित खर्चों को कवर करती है. साथ ही यह वेटिंग पीरियड को घटाकर 1 साल करने के लिए एक राइडर जोड़ने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे स्टेंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीयों से बेहतर हो जाते हैं. इसके अतिरिक्त कंज्यूमेबल्स ऐड-ऑन को जोड़ने से पॉलिसीधारक को सुई, सीरिंज, दस्ताने आदि जैसे खर्चों के लिए लाभ प्राप्त होगा, जो अस्पताल बिल की कुल कीमत में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि करती है.
स्टैंडअलोन क्रिटिकल इलनेस प्लान को समझना
लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए क्रिटिकल इलनेस प्लान आय के नुकसान को कवर करने का बहुत ही बेहतर विकल्प है. ऐसे में इंशयोरेंस कंपनी डायग्नोसिस पर एक निश्चित एकमुश्त राशि का भुगतान करती है जिसका उपयोग भारत या विदेश में होने वाले मेडिकल खर्च, घरेलू खर्च, ईएमआई का भुगतान करने आदि जैसे किसी भी खर्च को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
ध्यान रखने योग्य बातें
● बीमित राशि का निर्धारण
चूंकि लीवर की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च डायग्नोसिस के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, इसलिए बीमित राशि का सावधानीपूर्वक चयन करना आवश्यक है. इसलिए, अधिक राशि का चयन करने से यह सुनिश्चित होगा कि बीमाधारक बिना किसी परेशानी के उचित स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकता है. बढ़ती हुए मेडिकल खर्चों को देखते हुए 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की न्यूनतम बीमा राशि वाली पॉलिसी का विकल्प चुनने की सलाह दी जाती है.
● प्रतीक्षा अवधि की समीक्षा करें
गंभीर बीमारी बीमा को कवर करने वाली एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, वेटिंग पीरियड का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है. वेटिंग पीरियड वह अवधि है जिसके बाद आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के खिलाफ क्लेम कर सकते हैं. यह 1 से लेकर 3 साल के बीच कहीं भी हो सकती है. हालांकि, अभी ऐसी योजनाएं उपलब्ध हैं जो कम वेटिंग पीरियड की सुविधा प्रदान करती हैं. इसके अलावा, इसे कम उम्र में खरीदने से वेटिंग पीरियड को कम करने में मदद मिलेगी और गंभीर मेडिकल इमरजेंसी की कम संभावना के कारण उचित प्रीमियम प्रदान किया जा सकेगा.
ऑर्गन डॉनर एक्सपेंस कवरेज
इंश्योरेंस कंपनियां ऑर्गन डोनेशन से संबंधित खर्चों को भी कवर करती हैं, क्योंकि लिवर खराब होने की स्थिति में, लिवर ट्रांसप्लांट की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. लगभग सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑर्गन डोनेशन से संबंधित खर्चों को भी कवर करती हैं. कुछ योजनाएं डोनर के लिए अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों का भुगतान भी करती हैं.
चूंकि लिवर विकारों के अधिकांश मामले बिना किसी लक्षण के नगण्य दिखाई देते हैं, जिनका अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे कि सिरोसिस, लिवर कैंसर और लिवर फेलियर की ओर बढ़ना, इसलिए, गंभीर बीमारियों को कवर करने वाली कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ पूरी तरह से सुरक्षित होना बहुत ही आवश्यक है. यह परिवार को मेडिकल इमरेजेंसी की दौरान होने वाली वित्तीय परेशानी के समय में सहायक होगा. इसलिए, किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदते समय विभिन्न नीतियों की ऑनलाइन तुलना करें, लाभ, बहिष्करण और समावेशन का मूल्यांकन करें, क्लेम सेटलमेंट रेशियो के बारे में जानें एवं सभी नियम और शर्तों को पढ़ें.
इस लेख के लेखक सिद्धार्थ सिंघल हैं जो पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस हेड हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.
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