भारत में चाय का उत्‍पादन बडे स्‍तर पर किया जाता है.  इस कारण आसानी से यह कम कीमत में मिल जाता है. औसतन एक किलो चाय की कीमत 500 रुपये है. हालांकि दुनिया की एक ऐसी चाय है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये है और यह दुनिया की सबसे महंगी चाय है. यह चाय चीन में उगाई जाती है. 


इस चाय का क्‍या है नाम 


दुनिया की ये महंगी चाय की कीमत 1 मिलियन डॉलर से ज्‍यादा है. यह चीन के फुजियान प्रांत के वुई पर्वत में पाए जाते हैं. आखिरी बार इस चाय की कटाई 2005 में की गई थी. इसका नाम दा होंग पाओ है. इसके कुछ ग्राम की कीमत सोने की कीमत से कई गुना अधिक थी. वहीं 2002 में केवल 20 ग्राम कीमती चाय  180,000 युआन या लगभग 28,000 डॉलर में बेची गई थी. 


जीवनदायिनी भी है ये चाय


इस चाय को दुर्लभता के कारण राष्‍ट्रीय खजाना भी घोषित किया गया है. इसे जीवनदायिनी चाय भी कहा जाता है.  यह चाय इतनी खास है कि चेयरमैन माओ ने 1972 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को उनकी चीन की आधिकारिक यात्रा पर इसकी 200 ग्राम चाय उपहार में दी थी. 1849 में ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री रॉबर्ट फॉर्च्यून एक गुप्त मिशन पर वुई पर्वत पर गए थे. वहां से इसे भारत में लेकर आए थे . 


बाजार में नहीं मिलती ये चाय 


दुनिया की सबसे महंगी चाय  दा होंग पाओ केवल नीलामी के माध्‍यम से उपलब्‍ध है. यह दुर्लभ वस्‍तु है, जिसे मार्केट से खरीदा नहीं जा सकता है. यह चाय पहली बार एक दशक पहले चीन के सिचुआन के याआन पर्वत में एक उद्यमी और पांडा उत्साही द्वारा उगाई गई थी. पहला बैच 50 ग्राम 3,500 डॉलर (2.90 लाख रुपये) में बेचा गया, जिससे यह सबसे महंगी चाय में से एक बन गई. 


क्‍या है इस चाय का इतिहास 


दा होंग पाओ चाय के इतिहास पर गौर करें तो इसकी खेती की शुरुआत चीन के मींग शासन के समय में शुरू हुई थी. चीनी लोगों का मानना है कि उस समय मींग शासन की महारानी अचानक बीमार हो गई थीं.  तबीयत काफी बिगड़ने से इन्‍हें ये चाय पीने की सलाह दी गई. ये चाय पीने के बाद ये पूरी तरह से ठीक हो गईं. इसके बाद राजा ने इसे पूरे राज्‍य में उगाने का आदेश दिया था. राजा के लंबे चोंगे के नाम पर ही इस चायपत्ती का नाम डा-होंग पाओ पड़ा. 


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