Delivery Company UPS: सारी दुनिया में नौकरियों के लिए बहुत खराब स्थिति बनी हुई है. आए दिन दुनिया के कई देशों की विभिन्न कंपनियों से छंटनी की खबरें आती रहती हैं. अब एक और निराश करने वाली खबर सामने आ रही है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्सल डिलीवरी कंपनी यूनाइटेड पार्सल सर्विस (UPS) 12,000 से ज्यादा लोगों को नौकरियों से निकालने के लिए तैयारी में है. इसके अलावा कंपनी अपने ट्रक माल ढुलाई ब्रोकरेज बिजनेस कोयोटे (Coyote) के लिए भी कड़े फैसले लेने के बारे में विचार कर रही है.
यूपीएस के शेयरों में भारी गिरावट
यूनाइटेड पार्सल सर्विस (United Parcel Service) ने साल का राजस्व उम्मीद से कम रहने का अनुमान लगाया था. इसके बाद यूपीएस के शेयरों में 6.3 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई. कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव कैरोल टोम ने बताया कि पिछला साल कठिन और निराशाजनक रहा. यूपीएस ने अपने सभी बिजनेस सेगमेंट में वॉल्यूम, रेवेन्यू और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट दर्ज की गई.
लागत में 1 अरब डॉलर की कटौती का लक्ष्य
अब कंपनी का लक्ष्य लागत में 1 अरब डॉलर की कटौती करना है. यूपीएस की हालत को ग्लोबल इकोनॉमी की दशा का संकेत माना जा रहा है. कंपनी के अनुसार, साल 2024 की दूसरी छमाही तक स्थितियां बेहतर होने की कोई उम्मीद नहीं है. अनुमान के मुताबिक, कंपनी के पूरे साल का रेवेन्यू 92 अरब डॉलर से 94.5 अरब डॉलर के बीच रहेगा. विशेषज्ञों ने कंपनी का रेवेन्यू लगभग 95.57 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया था.
लेबर कॉस्ट का बढ़ रहा दबाव
कंपनी के सीएफओ ब्रायन न्यूमैन के अनुसार, टीमस्टर्स यूनियन के साथ नए अनुबंध के कारण उसकी लेबर कॉस्ट बढ़ती जा रही है. इसके अलावा उसके पास औसत ऑर्डर भी कम होते जा रहे हैं. न्यूमैन के अनुसार, पहली तिमाही में हमारा ऑपरेटिंग मार्जिन सबसे कम रहने की आशंका है. लेबर प्रॉबलम के चलते फेडएक्स (FedEx) जैसी कंपनियों ने यूपीएस के 60 फीसदी कारोबार पर कब्जा जमा लिया था. कंपनी इसे दोबारा हासिल करने में कामयाब रही है. हालांकि, ग्राहक हवाई सेवाओं की तुलना में अन्य डिलीवरी ऑप्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं. इससे यूपीएस और फेडएक्स दोनों पर दबाव बढ़ रहा है.
कंपनी के बिजनेस में लगातार आ रही कमी
चौथी तिमाही में यूपीएस का इंटरनेशनल एयर बेस्ड सेगमेंट और ट्रक बिजनेस क्रमशः 6.9 फीसदी और 7.3 फीसदी कम हो गया. कंपनी का तिमाही राजस्व एक साल पहले के 27 अरब डॉलर से गिरकर 24.9 अरब डॉलर हो गया. कंपनी का मुनाफा भी पिछले वर्ष के 3.62 डॉलर प्रति शेयर से घटकर 2.47 डॉलर प्रति शेयर हो गया.
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