नई दिल्लीः कल जहां रिटेल महंगाई 5 साल के निचले स्तर तक जा पहुंची थी वहीं आज थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति ने झटका दिया है. थोक महंगाई दर-होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) जनवरी में 5.25 फीसदी रही है जो 30 महीने यानी 2.5 साल का उच्चतम स्तर है. हालांकि खाद्य कीमतों के स्थिर रहने के बावजूद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से घरेलू ईंधन के दाम भी बढ़े जिससे थोक महंगाई बढ़ी है.
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति कीमतों में सालाना बढ़ोतरी को दिखाता है. दिसंबर 2016 में यह 3.39 फीसदी पर थी और इससे पहले जुलाई 2014 में यह सबसे उंचे स्तर 5.41 फीसदी के स्तर पर थी. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ‘फ्यूल और एनर्जी’ सेक्टर में महंगाई जनवरी में लगभग दोगुना बढ़कर 18.14 फीसदी रही जो दिसंबर 2016 में 8.65 फीसदी थी. इसी के चलते इस बार थोक महंगाई के आंकड़ों में तेजी देखी गई है. डीजल की कीमत इस महीने में 31.10 फीसदी और पेट्रोल की कीमत 15.66 फीसदी बढ़ी हैं.
जनवरी में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी के बाद ये 30 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची वहीं, नवंबर की थोक महंगाई दर 3.15 फीसदी से संशोधित होकर 3.38 फीसदी हो गई है.
महंगाई के ताजा आंकड़े
- जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर 5.25 फीसदी पर आई है जबकि दिसंबर में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी रही थी.
- जनवरी में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर -0.5 फीसदी रही है जबकि दिसंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर -0.7 फीसदी रही थी.
- प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर भी बढ़ी है और जनवरी में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर बढ़कर 01.27 फीसदी रही है जो दिसंबर में 0.27 फीसदी के करीब रही थी.
- महीने दर महीने आधार पर जनवरी में फ्यूल और पावर की महंगाई दर दिसंबर के 8.65 फीसदी से बढ़कर 18.14 फीसदी रही है.
- जनवरी में मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर बढ़कर 3.99 फीसदी हो गई है जो दिसंबर 2016 में 3.67 फीसदी दर्ज की गई थी.
- जनवरी में कोर महंगाई की दर बढ़कर 2.7 फीसदी हो गई है जो दिसंबर में 2.2 फीसदी के करीब रही थी.