WPI Inflation: मई महीने में गेंहू चीनी के निर्जूयात पर रोक लगाने और पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ज्यूटी घटाने के चलते जून महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ( WPI based Inflation Rate) में कमी आई है. जून में होलसेल महंगाई दर घटकर 15.18 फीसदी पर जा पहुंची है. जबकि मई, 2022 में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी के लेवल पर था. आपको बता दें बीते साल जून 2021 में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 12.07 फीसदी के लेवल पर था. थोक महंगाई दर बीते 15 महीने से लगातार से लगातार दहाई के आंकड़ें में बना हुआ है. वाणिज्य मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किए हैं. 


वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक मिनरल ऑयल्स के दामों में तेजी, खाने -पीने की वस्तुओं की कीमतों में उछाल, महंगे क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस , बेसिक मेटल्स, केमिकल्स और केमिकल्स प्रोडेक्ट के चलते जून महीने में थोक महंगाई दर में उछाल देखने को मिल रहा है. 


खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़े
थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी की मुख्य रूप से महंगे खाने-पीने की वस्तुएं हैं. जून में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 12.41 फीसदी पर जा पहुंची है जबकि मई में खाद्य महंगाई दर 10.89 फीसदी पर थी. जून महीने में साग-सब्जियों की महंगाई दर मई के 56.36 फीसदी से बढ़कर 56.75 फीसदी पर जा पहुंता है. आलू और फलों के दाम जून में बढ़े हैं. दूध भी इस दौरान महंगा हुआ है. 



फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई दर
थोक महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई दर 40.38 फीसदी रही है. हालांकि मई के 40.62 फीसदी महंगाई दर से मामूली कम है. जून महीने में मैन्युफैक्चरिंग गुड्स का थोक महंगाई दर मई के 101.11 फीसदी से घटकर 9.19 फीसदी पर आ गया है.  इससे पहले मंगलवार 12 जून को खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आया था. खुदरा महंगाई दर में भी जून महीने में मामली कमी आई है और ये घटकर 7.01 फीसदी पर आ गया है. 


ये भी पढ़ें


Dollar Vs Euro: डॉलर के आगे यूरो हुआ धराशायी, 20 सालों में पहली बार डॉलर से कम हो गई यूरो की वैल्यू


Inflation In US: अमेरिका में 41 साल के उच्चतम स्तरों पर पहुंचा महंगाई दर, कर्ज हो सकता है और महंगा