नई दिल्ली: थोक महंगाई दर के मोर्चे से कुछ राहत की खबर आई है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर दिसंबर 2017 में कम होकर 3.58 फीसदी रही. थोक महंगाई दर एक महीना पहले नवंबर 2017 में 3.93 फीसदी और एक साल पहले दिसंबर में 2.10 फीसदी थी. इस बीच, अक्तूबर का महंगाई आंकड़ा संशोधित होकर 3.68 फीसदी हो गया. इससे पहले अस्थायी अनुमान में यह आंकड़ा 3.59 फीसदी था.


खाने-पीने की वस्तुओं के दाम घटने से महंगाई दर में कमी आई. हालांकि इस दौरान ईंधन की कीमत में वृद्धि दर्ज की गयी. सरकारी आंकड़े के मुताबिक खाद्य समूह की महंगाई दर दिसंबर में 4.72 फीसदी रही जो नवंबर 2017 में 6.06 फीसदी थी.


सब्जियों की महंगाई दर
सब्जियों की महंगाई में कुछ नरमी रही. दिसंबर में इस सेगमेंट में सालाना आधार पर महंगाई दर 56.46 फीसदी रही जो इससे पिछले महीने 59.80 फीसदी थी. हालांकि, प्याज का थोक भाव दिसंबर में 197.05 फीसदी बढ़ गया.
अंडा, मांस और मछली जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की महंगाई दर दिसंबर में घटकर 1.67 फीसदी रही. हालांकि, फल के मामले में यह बढ़कर 11.99 फीसदी रही.


ईंधन एवं बिजली खंड की महंगाई दर
ईंधन एवं बिजली खंड में थोक महंगाई दिसंबर में बढ़कर 9.16 फीसदी रही जबकि मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडेक्ट्स के मामले में यह 2.61 फीसदी थी.


खुदरा महंगाई दर या रिटेल इंफ्लेशन रेट
पिछले हफ्ते जारी आंकड़े के मुताबिक खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई दिसंबर में बढ़कर 5.21 फीसदी पहुंच गयी जो रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है. रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर पर निर्णय करते समय खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है.


रिजर्व बैंक ने दिसंबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर को यथावत रखा. वहीं चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिये खुदरा महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 4.3 से 4.7 फीसदी कर दिया. इसका कारण ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लागू होना है.