थोक महंगाई दर में इजाफा, नवंबर में नौ महीने के टॉप लेवल पर पहुंची
नवंबर महीने में CPI पर आधारित खुदरा महंगाई दर में कमी दर्ज की गई लेकिन थोक महंगाई दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. नवंबर में खुदरा महंगाई दर 6.93 फीसदी रही, जो रिजर्व बैंक के अपर मार्जिन 6 फीसदी से ऊपर है. इससे लगता नहीं कि निकट भविष्य में इसमें कोई कमी आएगी. दरअसल पिछले महीने खाद्य महंगाई दर में कमी आई है. इसकी मुख्य वजह सब्जियों के दामों में कमी है. लेकिन नए आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई में 1.55 फीसदी का इजाफा हुआ है.
अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर छह साल के टॉप पर
अक्टूबर में CPI पर आधारित खुदरा महंगाई दर छह साल के टॉप लेवल पर पहुंच गई थी. जबकि थोक महंगाई दर नवंबर में 5.51 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. अक्टूबर में यह 5.46 फीसदी पर था. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान 6.8 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने कहा है कि खुदरा और थोक महंगाई दर में अंतर की मुख्य वजह कोविड-19 की वजह से सप्लाई साइड में दिक्कतें हैं.
खाद्य महंगाई में कमी
दिल्ली, कर्नाटक,केरल और राजस्थान को छोड़ कर सभी राज्यों में खुदरा महंगाई दर छह फीसदी से अधिक रही. थोक मूल्य सूचकांक बास्केट में नवंबर में खाद्य महंगाई 3.94 फीसदी रही. पिछले महीने यह 6.37 फीसदी पर रही थी.
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