WTO On Global Economy: अलग अलग ग्लोबल रेटिंग एजेंसी से लेकर वित्तीय संस्थाएं 2023 में वैश्विक आर्थिक स्लोडाउन से लेकर मंदी की आशंका आ जता रहे हैं. लेकिन वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) की इन सबसे अलग राय है. डब्ल्युटीओ ने कहा है कि 2023 में वैश्विक ट्रेड ग्रोथ रेट जितनी कम रहने की आशंका जाहिर की जा रही है उससे बेहतर रहेगी. हालांकि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ने माना इस ग्रोथ रेट को फीका कहा जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया कि रूस के यूक्रेन पर हमले और जिद्दी उच्च महंगाई दर के चलते ट्रेड ग्रोथ रेट कम रहने वाला है.
सालाना ट्रेड अनुमानों की घोषणा करते हुए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि ग्लोबल ट्रेड के वॉल्यूम में मौजूदा वर्ष में 1.7 फीसदी की कमी आ सकती है जो कि 2022 के मुकाबले एक फीसदी कम है. हालांकि ये आंकड़े अक्टूबर 2022 में जारी किए अनुमानों से बेहतर है. अक्टूबर 2023 में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ने विश्व व्यापार ग्रोथ रेट को एक फीसदी रहने की आशंका जाहिर की थी जबकि उसके साल पहले ग्रोथ रेट 3.4 फीसदी भी रहने का अनुमान जाहिर किया था.
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ने अक्टूबर के अनुमानों के बाद मौजूदा अनुमानों में जो बढ़ोतरी आई है वो चीन के चलते है. चीन ने कोरोना महामारी के कारण जो बंदिशों लगा रखी थी उसे हटा लिया है. इसके चलते चीन में मांग में पेंट-अप कंज्यूमर डिमांड में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा जिससे इंटरनेशनल ट्रेड को बढ़ावा मिलेगा.
डब्ल्युटीओ के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 2023 में रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 2.4 फीसदी पह सकता है जो अक्टूबर 2022 में 2.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. डब्ल्युटीओ चीफ Ngozi Okonjo-Iweala ने अपने बयान में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यापार सबसे मजबूत कड़ी बनकर उभरा है लेकिन 2023 में बाहरी कारणों के चलते इसपर दबाव बना रहेगा. डब्ल्युटीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2023 में ग्लोबल ट्रेड के विस्तार की रफ्तार, यूक्रेन युद्ध और सख्य मॉनिटरी पॉलिसी और वित्तीय अस्थिरता के चलते फीकी रह सकती है.
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