IT Department Action: शाओमी और ओप्पो ने किया टैक्स कानून का उल्लंघन, 1,000 करोड़ रुपये भरना पड़ सकता है टैक्स
Income Tax Department Update: मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी Xiaomi और Oppo पर टैक्स कानून उल्लंघन करने के लिए1,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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Income Tax Department Update: मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी Xiaomi और Oppo पर टैक्स कानून उल्लंघन करने के लिए1,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. टैक्स विभाग ने 21.12.2021 को इन विदेशी मोबाइल संचार और मोबाइल हैंड-सेट निर्माण कंपनियों और उनसे जुड़े व्यक्तियों के मामले में पूरे भारत में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था. कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और एनसीआर राज्यों के विभिन्न परिसरों को कार्रवाई में शामिल किया गया है.
इनकम टैक्स विभाग की कारवाई में पता चला है कि ये दो प्रमुख कंपनियों ने विदेशों में स्थित अपने समूह की कंपनियों को और उनके उनकी तरफ से रॉयल्टी के तौर 5500 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया है. तलाशी कार्रवाई के दौरान जुटाए गए तथ्यों और सबूतों के आलोक में इस तरह के खर्च का दावा सही नहीं माना जा सकता.
तलाशी अभियान ने मोबाइल हैंडसेट के निर्माण के लिए कलपुर्जों की खरीद के तौर-तरीकों का भी खुलासा किया गया है. जिसमें ये पता चला है कि दोनों कंपनियों ने संबंधित उद्यमों के साथ लेनदेन में आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित नियामक आदेश का अनुपालन नहीं किया है. इस लापरवाही के चलते यकर अधिनियम, 1961 के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए कंपनियां है और 1000 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स देनदारी की बनती है.
इनकम टैक्स विभाग की कारवाई में एक और कार्यप्रणाली को सामने है जिसमें भारतीय कंपनी की किताबों में विदेशी फंड पेश किए गए हैं, लेकिन यह पता चलता है कि जिस स्रोत से इस तरह के फंड प्राप्त हुए हैं, वे संदिग्ध प्रकृति के हैं, कथित तौर पर ऋणदाता की कोई क्रेडिट योग्यता नहीं है. इस तरह के उधार की मात्रा लगभग 5000 करोड़ रुपये है, जिस पर ब्याज खर्च का भी दावा किया गया है.
खर्चों की मुद्रास्फीति के संबंध में साक्ष्य, संबद्ध उद्यमों की ओर से भुगतान, आदि भी देखे गए हैं जिसके कारण भारतीय मोबाइल हैंडसेट निर्माण कंपनी के कर योग्य लाभ में कमी आई है. ऐसी राशि 1400 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.
दूसरी कंपनी के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग की कारवाई में पाया गया कि एक कंपनी ने भारत में स्थित किसी अन्य संस्था की सेवाओं का उपयोग किया लेकिन स्रोत पर कर कटौती के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया, जो दिनांक 01.04.2015 से लागू किया गया था. 01.04.2020। इस खाते पर टीडीएस की देनदारी लगभग 300 करोड़ रुपये हो सकती है.
तलाशी कार्रवाई में शामिल एक अन्य कंपनी के मामले में, यह पता चला है कि कंपनी के मामलों का नियंत्रण एक पड़ोसी देश से काफी हद तक प्रभावित किया गया था. इस कंपनी के भारतीय निदेशकों ने स्वीकार किया कि कंपनी के प्रबंधन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और उन्होंने नाम के उद्देश्यों के लिए निदेशक पद के लिए अपना नाम दिया. कंपनी ने बगैर भारत में टैक्स का भुगतान किये भारत से बाहर 42 करोड़ रुपये में स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया जिसके सबूत मिले हैं.
कुछ फिनटेक और सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों के मामले में सर्वेक्षण कार्रवाई से पता चला है कि ऐसी कई कंपनियां खर्च बढ़ाने और फंड से बाहर निकालने के उद्देश्य से बनाई गई हैं. इस उद्देश्य के लिए, ऐसी कंपनियों ने असंबंधित व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भुगतान किया है और तमिलनाडु स्थित एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान द्वारा जारी किए गए बिलों का भी उपयोग किया जिसका कोई कारोबार नहीं करता है. इस तरह 50 करोड़ रुपये की रकम बाहर भेजा गया है. इनकम टैक्स विभाग की मामले में कारवाई जारी है.
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