Yatra Online IPO: खुल गया यात्रा ऑनलाइन का आईपीओ, पैसे लगाने से पहले जानें लें प्राइस बैंड से लेकर GMP तक का हाल
Yatra Online IPO: ट्रैवल कंपनी यात्रा ऑनलाइन के आईपीओ में पैसे लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपको इससे जुड़े सभी डिटेल्स जैसे जीएमपी की जानकारी आदि दे रहे हैं.
Yatra Online IPO: देश की बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी यात्रा ऑनलाइन का आज इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग खुल गया है. शुक्रवार को रिटेल निवेशकों के लिए खुलने से पहले कंपनी ने 14 सितंबर को एंकर निवेशकों के जरिए कुल 348.75 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं. यह रकम कुल 33 एंकर निवेशकों से जुटाई गई है. अगर आप भी इस आईपीओ में पैसे लाने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपको इसके प्राइस बैंड, जीएमपी और आईपीओ से जुड़े जरूरी डेट्स के बारे में बता रहे हैं.
इन एंकर निवेशकों ने किया इंवेस्टमेंट-
ट्रैवल वेबसाइट यात्रा ऑनलाइन के एंकर राउंड में जिन कंपनियों ने निवेश किया है, वे हैं मॉर्गन स्टेनली, गोल्डमैन सैश, BNP परिबा आर्बिट्रेज, एलारा इंडिया अपॉर्चुनिटी, व्हाइट ओक कैपिटल, क्वांटम स्टेट इन्वेस्टमेंट फंड जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं. वहीं घरेलू कंपनियों में ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, Edelweiss Trusteeship, टाटा म्यूचुअल फंड आदि के नाम शामिल हैं. ध्यान देने वाली बात ये हैं 2,45,59,860 इक्विटी शेयर के एंकर निवेशकों को जारी किया गया है. इन शेयरों की कीमत 142 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से तय की गई है.
क्या है कंपनी प्राइस बैंड?
यात्रा ऑनलाइन ने अपने आईपीओ का प्राइस बैंड 135 से 142 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से तय किया है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी कुल 775 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है. इसमें से कुल 602 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए गए हैं और 1.21 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचे जाएंगे. वहीं प्री आईपीओ प्लेसमेंट के द्वारा कुल 62 करोड़ रुपये जुटाया गया है. topsharebrokers.com के मुताबिक आईपीओ का जीएमपी फिलहाल 0 रुपये के प्रीमियम पर है. ऐसे में यह अपने इश्यू प्राइस पर ही बना हुआ है.
ये हैं आईपीओ से जुड़े जरूरी डेट्स
यात्रा ऑनलाइन का आईपीओ आज से यानी 15 सितंबर, 2023 से निवेशकों के लिए खुल गया है. आप इश्यू को 20 सितंबर, 2023 तक सब्सक्राइब कर सकते हैं. कंपनी शेयरों का अलॉटमेंट 25 सितंबर, 2023 को करेगी. वहीं इन शेयरों की लिस्टिंग 29 सितंबर, 2023 को होगी. इस आईपीओ में से 75 फीसदी हिस्सा इंस्टीट्यूशनल बायर (QIB), 15 फीसदी हिस्सा नेट इंस्टीट्यूशनल निवेशक और बाकी बचा 10 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए तय किया गया है.
फंड का क्या करेगी कंपनी?
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम में से 150 करोड़ का इस्तेमाल अधिग्रहण और राजनीतिक निवेश के लिए करेंगी. वहीं 392 करोड़ रुपये का खर्च अधिग्रहण और नई तकनीक के लिए किया जाएगा. वहीं बाकी बची राशि का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा.
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