नई दिल्ली: रेलवे की अपने सबसे बिजी रूट पर क्षमता बढ़ाने की योजना अगर परवान चढ़ती है तो 2021 से यात्रियों को उनके पसंदीदा ट्रेनों में सीट पक्की मिलेगी. खास तौर पर दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूट पर तो यात्रियों को टिकट वेटिंग में ही मिलता है. फिलहाल मांग और ट्रेनों में सीट और उनकी मांग के बीच काफी अंतर है. इसकी वजह से कई यात्रियों को वेटिंग टिकट मिलता है. इसका मतलब है कि अगर उनकी टिकट पक्की नहीं हुई यानी सीट नहीं मिली तो यात्री को यात्रा की अनुमति नहीं होगी. मांग-आपूर्ति में इस अंतर को पूरा करने के लिये रेलवे व्यस्त मार्गों पर और यात्री ट्रेन पेश करने की योजना बना रहा है.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि माल गाड़ियों को उनके लिये अलग से बनाये जा रहे कॉरीडोर में ट्रांसफर किए जाने से यह संभव हो सकता है. इस पर काम जारी है. इसी तरह बिजी रूट जैसे दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के लिए ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिये एडवांस बनाया जा रहा है.
उद्योग मंडल CII द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे लाइन पर कैपेसिटी से अधिक बोझ है. मालगाड़ियों के लिये अलग कॉरीडोर बनाए जाने से यात्री ट्रेनों को हाई स्पीड से चलाने की काफी गुंजाइश है.’’ मालगाड़ियों के लिये कुल 3,228 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न और वैस्टर्न कॉरीडोर दिसंबर 2019 तक चालू होने यानी ऑपरेशनल हो जाने की उम्मीद है.
इसके अलावा, रेलवे ने रेल को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाने के लिये दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल कॉरीडोर पर काम शुरू किया है. प्रभु ने कहा, ‘‘हमने इन दोनों रूट्स पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सिग्नल प्रणाली को उन्नत बनाने के लिये अगले 3-4 साल में 20,000 करोड़ रुपये कीमत को तय किया है.’’ रेलवे ने पिछले 2 साल में अपने नेटवर्क में 16,500 किलोमीटर ट्रैक जोड़ा है.