YEAR ENDER 2017: पूरे साल सोने-चांदी ने जमकर बिखेरी चमक: जानें कितने बढ़े दाम
दिल्ली सर्राफा बाजार में साल 2017 के आखिरी कारोबारी सत्र में सोने के भाव 175 रुपये की तेजी के साथ 30,400 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गए.
नई दिल्ली: साल के आखिरी कारोबारी दिन सर्राफा बाजार में सोने और चांदी ने जमकर चांदी बिखेरी. सोने की कीमत में इस साल जबर्दस्त उछाल देखा गया और आखिरी ट्रेडिंग सेशन में भी सोना और चांदी उछाल के साथ बंद होने में कामयाब रहे.
सोने में जबर्दस्त उछाल दिल्ली सर्राफा बाजार में साल 2017 के आखिरी कारोबारी सत्र में सोने के भाव 175 रुपये की तेजी के साथ 30,400 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गए. यह एक महीने का सबसे ऊंचा भाव है. विदेशों में मजबूती के रुख और लोकल ज्वैलर्स की खरीदारी के जोर से सोने को समर्थन मिला. दिल्ली में सोना 99.9 फीसदी और 99.5 फीसदी का भाव प्रत्येक 175 - 175 रुपये की तेजी दर्शाता क्रमश: 30,400 रुपये और 30,250 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ. कल के कारोबार में सोने में 25 रुपये की गिरावट आई थी. हालांकि सीमित सौदों के कारण गिन्नी की कीमत 24,700 रुपये प्रति आठ ग्राम पर स्थिर बनी रही.
साल भर में कैसे रहे सोने-चांदी के दाम साल 2017 में सोने में कुल मिला कर 2100 रुपये अथवा 7.42 फीसदी की तेजी आई जबकि चांदी 580 रुपये अथवा 1.47 फीसदी मजबूत रही. डॉलर की कमजोरी से महंगी धातुओं में तेजी को बल मिला. न्यूयॉर्क में सोना साल के आखिर में 13.17 फीसदी की बढ़त के साथ 1302.50 पर बंद हुआ जो पिछले साल 1150.90 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था. इसी तरह चांदी भी 6.48 फीसदी की तेजी के साथ 16.91 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई जो पिछले साल के अंत में 15.88 डॉलर प्रति औंस पर थी.
चांदी के दाम इंडस्ट्रियल यूनिट्स और सिक्का निर्माताओं की ओर से लिवाली के समर्थन से चांदी 280 रुपये की तेजी के साथ 39,980 रुपये किलो के भाव पर पहुंच गयी. चांदी तैयार का भाव 280 रुपये चढ़कर 39,980 रुपये प्रति किलो और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी का भाव 430 रुपये बढ़कर 39,220 रुपये प्रति किलो बोला गया. चांदी सिक्कों के भाव लिवाल 73,000 रुपये और बिकवाल 74,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर स्थिर रहे.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम बाजार सूत्रों ने कहा कि नरम डॉलर और राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच विदेशों में सोना 1302.50 डॉलर प्रति औंस के एक महीने के उच्चतम स्तर को छू गया. इसके साथ साथ लोकल ज्वैलर्स की मांग में तेजी के कारण कीमती मेटल्स को समर्थन मिला.