नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के लिये 2018 उपलब्धियों भरा साल रहा. यह साल पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन का निर्माण, पहली वातानुकूलित लोकल ट्रेन और सबसे लंबे पुल के उद्घाटन के अलावा डीजल से चलने वाले एक इंजन को बिजली इंजन में बदलने के लिये याद किया जाएगा. लेकिन शायद रेलवे की सबसे बड़ी उपलब्धि इस साल बीते तीन दशकों के दौरान रेल हादसों में आई कमी है. इस साल अप्रैल से 15 दिसंबर 2018 के बीच 45 रेल हादसे हुए जिनकी तादाद बीते साल इस समयावधि में 54 थी.
हालांकि ट्रेनों के समय में देरी, खाने की खराब गुणवत्ता और कैटररों द्वारा ज्यादा वसूली से यात्री पूरे साल परेशान रहे. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "पिछले साढ़े चार सालों में हमने परिवर्तनकारी सुधार लागू करने की दिशा में नया माहौल पैदा किया है. इस दौरान महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए गए और सभी हदों को धकेलकर विकास की राह पर आगे बढ़े." गोयल ने बताया कि इसका नतीजा यह हुआ कि यह साल भारतीय रेलवे के लिये कई कामयाबियों का साल रहा. अगर भारतीय रेलवे को इस साल उसकी कामयाबी के लिये कोई टैगलाइन दी जाए, तो वह शायद यह होगी- "2018, कई कामयाबियों से भरा एक साल"
इस साल हाईस्पीड ट्रेन टी-18 का रायबरेली की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में निर्माण किया जाना भी बड़ी उपलब्धि है. अधिकतम 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली इस ट्रेन को बनाने में 97 करोड़ रुपए खर्च हुए. हालांकि अभी तक इसे रेलवे के बेड़े में शामिल करने की तिथि तय नहीं है. टी-18 ट्रेन शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी और शुरुआत में दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी.
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सेमी हाईस्पीड और हाईस्पीड ट्रेनों के परीक्षण के लिए रेलवे ट्रैक बनाने पर चल रहा काम
सरकारी आकलन के मुताबिक 60 हजार किलोमीटर में फैली रेलवे पटरियों की 0.3 फीसदी पटरियां ही 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के लिये दुरुस्त हैं. लिहाजा ऐसे नेटवर्क पर पूरी रफ्तार के साथ ट्रेन चल पाएंगी या नहीं, यह सिर्फ वक्त ही बता पाएगा. रेलवे एक और परियोजना के तहत सेमी हाईस्पीड और हाईस्पीड ट्रेनों के परीक्षण के लिये जयपुर और फुलेरा के बीच 40 किलोमीटर के अंडाकार रेलवे ट्रैक बनाने पर भी काम कर रहा है. इस परियोजना के पूरा होते ही भारत ऐसे ट्रैक बनाने वाला पांचवा देश बन जाएगा.
इन सब के अलावा यह साल स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के लिये 12 हजार हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन को रेलवे के बेड़े में शामिल होने के लिये भी याद किया जाएगा. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आधारभूत ढांचा पर खास जोर दिया जा रहा है. इस क्रम में देश का सबसे लंबा बोगीबिल पुल शुरू हो गया है. यह पुल असम तथा अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले रेल-सड़क पुल है.
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एशिया का दूसरा सबसे लंबा बोगीबिल पुल का किया गया उद्घाटन
एशिया का दूसरा सबसे लंबा बोगीबिल पुल 16 साल में बनकर तैयार हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस के दिन इसका उद्घाटन किया. इस पुल के जरिये असम के तिनसुकिया और अरुणाचल के नाहर लागुन के बीच यात्रा के समय में करीब 10 घंटे की कमी आई है. रेलवे की इस साल की उपलब्धियों में गुजरात में पहले परिवहन विश्वविद्यालय की स्थापना, मुंबई उपनगरीय रेलवे की पहली वातानुकूलित लोकल ट्रेनों की शुरुआत भी शामिल है.
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