नई दिल्ली: ये साल दुनियाभर के उद्योगपतियों को लिए काफी उथल पुथल वाला रहा. अमेरिका और चीन के बीच छिड़ी ट्रेड वॉर ने दुनिया भर में काफी उठापटक मचाई रखी, वहीं शेयर मार्केट में लगातार हुए उतार चढ़ाव की वजह से भी बाजर में अस्थिरता का माहौल बना रहा. इन सब के बीच कुछ भारतीय उद्योगपतियों ने नई कामयाबियों को हासिल किया तो वहीं कुछ को अच्छे खासे घाटे का सामना करना पड़ा. आज हम आपको भारत के 10 उद्योगपतियों की संपत्ति के बारे में बताते हैं.


मुकेश अंबानी - RIL - 40.1 अरब डॉलर


भारत के सबसे बड़े उद्योगपति और रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी इस साल भारत के सबसे अमीर इंसान रहे हैं. फोर्बस के अनुसार इस साल मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 40.1 अरब डॉलर रही है. मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चैयरमैन, मैनेजिंग डॉयरेक्टर और कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं. रिलायंस इंडिया लिमिटेड में उनकी कुल हिस्सेदारी 48 फीसदी है. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो भारत के टेलिकॉम सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है.


अजीम प्रेमजी - विप्रो - 18.8 अरब डॉलर


अजीम प्रेमजी का पूरा नाम अजीम हाशिम प्रेमजी है. अजीम प्रेमजी मूलतः गुजरात से ताल्लुक रखते हैं. अजीम प्रमेजी विप्रो लिमिटेड के चैयरमैन हैं. फोर्ब्स के अनुसार इस साल उनकी कुल संपत्ति 18.8 अरब डॉलर रही है, वो भारत के दूसरे सबसे अमीर इंसान हैं. 2004 में टाइम मैगजीन ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशली लोगों की लिस्ट में शामिल किया था. अजीम प्रेमजी को उनको दानवीरता के लिए भी जाना जाता है. अजीम प्रेमजी को इस साल फ्रांस का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान 'शेवेलियर डी ला लीजन डी ऑनर' भी दिया गया है.


लक्ष्मी मित्तल - आर्सेलर मित्तल - 18.5 अरब डॉलर


लक्ष्मी मित्तल ब्रिटिश मूल के भारतीय उद्योगपति हैं. उनकी कुल संपत्ति 18.5 अरब डॉलर रही है. लक्ष्मी मित्तल की कंपनी 'आर्सेलर मित्तल' स्टील निर्माण के क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है. हालांकि ये साल उनके लिए खासा नुकसानदेह रहा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक शेयर मार्केट में लगातार हुए उतार-चढ़ाव और अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के कारण उनकी कंपनी को 39,200 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा, जिस वजह से उनकी संपत्ति 29 फीसदी घट गई.


शिव नादर - एचसीएल टेक्नॉलोजीज - 14.6 अरब डॉलर


मूल रूप से तमिलनाडू के रहने वाले शिव नादर की गिनती देश के प्रमुख उद्यमी और समाजसेवी के रूप में की जाती है. उनकी कंपनी एचसीएल टेक्नॉलोजीज भारत में सॉफ्टवेयर की प्रमुख कंपनी है. इस साल उनकी कुल संपत्ति 14.6 अरब डॉलर रही है. शिव नादर को 2008 में उद्योग और व्यापार क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें 1995 में डाटाक्वेस्ट ने 'आई टी मैन ऑफ़ द ईयर', 2005 में प्रधानमंत्री ने 'सीएनबीसी बिजनेस एक्सिलेंस' पुरस्कार और 2010 में 'डाटाक्वेस्ट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड' से भी नवाजा जा चुका है.


दिलीप सांघवी - सनफॉर्मा - 12.8 अरब डॉलर


दिलीप सांघवी फार्मा सेक्टर का जाना माना नाम है. दिलीप सांघवी को एक दूरदृष्टि वाले बिजनेसमैन के रूप में जाना जाता है. हालांकि ये साल उनके लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहा और उनकी कंपनी को शेयर मार्केट की उथल पुथल की वजह से 32,200 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. दिलीप सांघवी की 2018 में कुल संपत्ति 12.8 अरब डॉलर रही है.


कुमार बिड़ला - आदित्य बिड़ला - 11.8 अरब डॉलर


आदित्य बिड़ला समूह वैसे तो एल्यूमीनियम और तांबे के क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी है. लेकिन भारत में इसकी खास पहचान सीमेंट की औद्योगिक कंपनी के रूप में की जाती है. आदित्य बिड़ला समूह की स्थापना घनश्‍याम दास बिड़ला ने की थी. इसके वर्तमान चैयरमैन कुमार मंगलमम बिड़ला हैं. इनकी कुल संपत्ति 11.8 अरब डॉलर है. हालांकि ये साल आदित्य बिड़ला ग्रुप के लिए कुछ खास नहीं रहा. इस साल इनके नेटवर्थ में लगभग 17,850 करोड़ रुपये की कमी आई है.


उदय कोटक - कोटक महिंद्रा ग्रुप - 10.7 अरब डॉलर


कोटक महिंद्रा ग्रुप को कोटक महिंद्रा बैंक, कोटक सिक्योरिटीज, कोटक म्युचुअल फंड के प्रमुख खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है. कोटक ग्रुप के चेयरमैन उदय कोटक ने फर्श से शुरुआत कर अपनी कंपनी को अर्श पर पहुंचाया. उदय कोटक की एक खासियत यह भी है कि जहां दूसरे बिजनेस टायकून्स बड़े-बड़े इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़े हैं, वहीं उदय कोटक की पढ़ाई एक हिंदी मीडियम स्कूल में हुई है. 2018 में उनका कुल नेटवर्थ 10.7 अरब डॉलर रहा है.


आर दमानी - डीमार्ट - 10 अरब डॉलर


आर दमानी का पूरा नाम राधाकिशन दमानी है. आर दमानी को स्टॉक मार्केट का गुरु बोला जाता है. आर दमानी डी मार्ट के प्रमोटर हैं. आर दमानी को बिजनेस फाइनेंशियल्स और शेयर मार्केट की समझ के मामले में काफी एक्सपर्ट माना जाता है. इन्होंने बहुत कम वक्त में जिस तरह से अपनी कंपनी को आगे बढ़ाया है वो कई लोगों को हैरान कर देता है. 2018 में इनकी कुल संपत्ति 10 अरब डॉलर रही है.


गौतम अडानी - अडानी ग्रुप- 9.7 अरब डॉलर


गौतम अडानी की गिनती देश के उन गिने चुने उद्योगपतियों में की जाती है जिन्होंने अपने दम पर अपना बिजनेस एम्पायर खड़ा किया. इनकी कंपनी अडानी ग्रुप कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल और गैस खोज, बिजली उत्पादन जैसे सेक्टर में काम करती है. हालांकि ये साल गौतम अडानी के लिए भी कुछ खास अच्छा नहीं रहा है. इस साल उनकी कंपनी को 18,690 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. इनकी इस साल कुल नेटवर्थ 9.7 अरब डॉलर रहा है.


सायरस पूनावाला - पूनवाला ग्रुप - 9.1 अरब डॉलर


साइरस एस पूनावाला पूनवाला ग्रुप के चेयरमैन हैं. इनकी कंपनी बच्चों की वैक्सीन बनाती हैं. इनका इस साल का कुल नेटवर्थ 9.1 अरब डॉलर रहा. अमेरिका और चीन में छिड़ी ट्रेड वॉर और शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव की वजह से इनकी कंपनी को भी इस साल 9,450 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.