Year Ender 2024 Gold Rate Outlook: अक्टूबर 2024 तक सोने का दाम 35 फीसदी उछाल के साथ दिखाई दे रहा था जो कि इसका 40 साल यानी 4 दशक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. इसके बाद नवंबर के मध्य तक सोने में 5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार देखा गया, इसके बावजूद सोने में सालाना 28 फीसदी की उछाल रही यानी इसका रिटर्न 28 फीसदी से ज्यादा रहा है. अब अगर आपके मन में सवाल है कि सोने की चाल कैसी रहने वाली है तो हम आपको गोल्ड आउटलुक बता रहे हैं.
अमेरिका से आए संकेतों का दिखेगा असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस बार की फेड मीटिंग के फैसले के तौर पर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है और साल 2025 के लिए भी ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला जारी रखने का फैसला लिया है. इसके बाद ही डॉलर की कीमतों में उछाल का सिलसिला जारी दिख रहा है और इसका उल्टा असर सोने के रेट पर आ रहा है. साल 2025 में धीमी मॉनिट्री पॉलिसी की संभावना नजर आ रही है और इसके दम पर सोने के भाव में भी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, लिहाजा सोना 2600 डॉलर प्रति औंस पर जाने के पहले 2584 डॉलर प्रति औंस तक के रेट तक जा गिरा था.
सोने के टेक्नीकल लेवल क्या कहते हैं?
सोने के टेक्नीकल लेवल देखें तो इसके 2634 डॉलर प्रति औंस पर जाने की उम्मीद को लेकर बाजार आशावान रहा. अगर सोना 2674 डॉलर प्रति औंस से ऊपर चला गया तो 2725, 2780 और 2840 डॉलर प्रति औंस तक भी इसके दाम देखे जा सकते हैं. हालांकि ग्लोबल अनिश्चितताओं को लेकर सोने के रेट में गिरावट आने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
भारत में कैसा रहेगा सोने का भाव-कारोबार
76500 रुपये, 75200 रुपये और 74000 रुपये तक की गिरावट सोने में दिखाई दे सकती है और इसके पीछे डॉलर की मजबूती का कारण ज्यादा प्रभावी दिखाई दे रहा है. सोने में साल 2024 जैसा रिटर्न साल 2025 में देखने को नहीं मिलेगा, ऐसा एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे हैं.
केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी जारी
दुनिया के कई देशों के सेंट्रल बैंक इस समय सोने की खरीदारी और अपने गोल्ड रिजर्व पर ध्यान दे रहे हैं. सोने के भंडार मजबूत करके जियो-पॉलिटिकल स्थितियों से निपटने की ये अच्छी रणनीति हो सकती है, लिहाजा, जर्मनी, फ्रांस, चीन और भारत के सेंट्रल बैंक भी अपने गोल्ड रिजर्व में तेजी से इजाफा कर रहे हैं.
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