Yen Carry Trade: अब कैसे मजबूत होगा भारत का आधारभूत ढांचा? येन में मजबूती और महंगे जापानी कर्ज ने बढ़ाई मुसीबत
BOJ Rate Hike: भारत के आधारभूत ढांचे में आ रही मजबूती सस्ते जापानी फंडिंग का बड़ा योगदान रहा है क्योंकि वहां से बेहद सस्ते पर कंपनियां कर्ज उठाती रही हैं. लेकिन अब कर्ज महंगा हो जाएगा.
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Stock Market Crash - Japanese Yen Connection: भारत ही नहीं पूरे दुनिया के स्टॉक मार्केट्स के लिए सोमवार 5 अगस्त, 2024 का कारोबारी सत्र ब्लैक मंडे (Black Monday) साबित हो रहा है. वजह है जापानी करेंसी येन ( Japanese Currency Yen) में मजबूती और अमेरिकी अर्थ्यवस्था पर मंडरा रहा मंदी ( Recession) का खतरा. पिछले दो सेशन से जापानी स्टॉक एक्सचेंज निक्केई 225 इंडेक्स (Nikkei 225) में कोहराम मचा है. सोमवार के सत्र में निक्केई 225 इंडेक्स करीब 13 फीसदी की गिरावट के साथ 4750 अंक नीचे जा लुढ़का है.
येन में मजबूती के चलते भारतीय शेयर बाजार के इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी में सुनामी आई हुई है. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के भाव ताश के पत्तों के समान गिरते जा रहे हैं. पर ये संकट यही खत्म होने वाला नहीं है. येन की मजबूती का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने को देखने को मिल सकता है क्योंकि भारत में रेलवे - मेट्रो से लेकर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट समेत भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जापानी फंडिंग के जरिए बनाये जा रहे हैं इन प्रोजेक्ट्स के लिए भारी मुसीबत पैदा हो सकती है.
जापानी येन में मजबूती ने बढ़ाई मुसीबत
दुनियाभर के सेंट्रल बैंक एक तरफ जहां ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को टटोल रहे हैं. पिछले हफ्ते इसके उलट बैंक ऑफ जापान ने सबको हैरान करते हुए ब्याज दरों को 0 - 0.1 फीसदी से बढ़ाकर 0.25 फीसदी कर दिया. पिछले 15 वर्षों में जापान में ब्याज दरों का ये उच्च स्तर है. बैंक ऑफ जापान के इस फैसले के चलते जापानी येन में मजबूती देखी जा रही है. जापान के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले के चलते पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में निवेशक बिकवाली करने पर अमादा नजर आ रहे हैं.
भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर असर संभव
जापान के इस फैसले का असर भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और उसे बनाने वाली कंपनियों पर पड़ सकता है. जापान में शून्य फीसदी ब्याज दर होने का बड़ा फायदा भारत को मिलता आया है. भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तैयार करने के लिए बेहद सस्ते दर पर कर्ज मिलता रहा है. भारतीय कंपनियों भी जापान में सस्ते कर्ज होने के चलते पूंजी जुटाती रही हैं. इसका बड़ा फायदा देश में सड़कों हाइवे के जाल बिछाने से लेकर बुलेट-मेट्रो प्रोजेक्ट्स के अलावा पावर कंपनियों को हुआ है. 2017 में भारत सरकार ने 0.1 फीसदी ब्याज दर पर 50 सालों के लिए अहमदाबाद - मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स पर आने वाले खर्च के लिए 81 फीसदी फंड उपलब्ध कराने के लिए करार किया था. लेकिन बैंक ऑफ जापान के कर्ज महंगा करने के बाद जापानी कर्ज के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने वाली निजी कंपनियों को कर्ज पर ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है.
जापानी कर्ज पर चुकाना होगा ज्यादा ब्याज
भारत के 663 बिलियन डॉलर एक्सटर्नल डेट में जापानी करेंसी येन से जुड़े लोन की हिस्सेदारी करीब 5.8 फीसदी या 38.5 बिलियन डॉलर है. बैंक ऑफ जापान के ब्याज दरें बढ़ाने और उसके चलते येन में आई मजबूती के बाद जिन कंपनियों ने जापान से शून्य से 0.1 फीसदी के दर पर कर्ज उठाया है उनके अब ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है.
भारतीय शेयर बाजार में जापानी निवेश!
जापान में सस्ते कर्ज के चलते जापानी निवेशकों ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त निवेश किया है. दिसंबर 2015 में जापानी इंवेस्टर्स ने करीब केवल 38000 करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ था वो बढ़कर जून 2024 में 2 लाख करोड़ रुपये के ऊपर जा पहुंचा है. जाहिर है भारतीय शेयर बाजार में आई तेजी में जापानी निवेशकों का भी योगदान रहा है.
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