नई दिल्लीः आजकल ऑनलाइन कंपनियां, रिटेलर्स, बिल्डर्स और लोन देने वाले संस्थान ग्राहकों को जमकर ऑफर्स दे रहे हैं और इसके चलते ग्राहक कई बार कन्फ्यूज भी हो जाते हैं कि किस ऑफर को सही माना जाए और किस ऑफर को लेकर उनको सतर्क रहना चाहिए. यहां हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप दिखावे के ऑफर्स से बच सकते हैं.


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1. कैशबैक ऑफर्स में ध्यान रखने वाली बातें
कैशबैक ऑफर्स में सबसे जरूरी होता है कि आपको एक मिनिमम रकम की खरीदारी करनी जरूरी होती है और एक तयशुदा रकम खर्च करने पर ही आपको कैशबैक मिल पाता है. कई बार आपको ये मोबाइल वॉलेट या ऑनलाइन फॉर्म में मिलता है और फिजिकल फॉर्म में नहीं होता. कैशबैक लेने के लिए ध्यान रखें कि आपको जहां कैशबैक मिल रहा है वो आपको इस फॉर्म में मिलें कि आप उसका इस्तेमाल आसानी से कर सकें.


2. नो कॉस्ट ईएमआई ऑफर्स में ध्यान रखने वाली बातें
नो कॉस्ट ईएमआई ऑफर्स में आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि जो आपकी किस्त बन रही है वह लगभग उतनी ही कीमत की होती है जितनी की वस्तु होती है. उदाहरण के लिए अगर आपने 60,000 रुपये का फोन खरीदा है और उसकी 10 किस्त में आपको हर बार 6000 रुपये से ज्यादा देने पड़ रहे हैं तो आपको पूरा फोन 60,000 रुपये से ज्यादा का ही पड़ा और उस पर आपको किसी तरह की कोई रियायत नहीं मिली. नो कॉस्ट ईएमआई को लेकर आपको भ्रम नहीं होना चाहिए और उसमें प्रोसेसिंग फीस, डाउन पेमेंट आदि किसी कंपोनेंट के तहत आपको एक्सट्रा पेमेंट नहीं करना होता है. नो कॉस्ट ईएमआई के फंडा को लेकर आपके दिमाग में कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए.



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3. क्रेडिट कार्ड-डेबिट कार्ड ऑफर्स में ध्यान रखने वाली बातें
इस समय कई ऑनलाइन कंपनियां अपने फेस्टिव सीजन की सेल में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पर ऑफर्स दे रही हैं. इन कार्ड ऑफर्स पर भी आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड से पेमेंट के जरिए आपको ज्यादा रकम न देनी पड़े. अगर कंपनी 10 फीसदी का ऑफर दे रही है तो इसमें किसी तरह की कमी न हो. कई बार कंपनियां 10 फीसदी का ऑफर देने की बात तो करती हैं लेकिन जब फाइनल अमाउंट सामने आता है तो वो 10 फीसदी के डिस्काउंट के मुताबिक नहीं होता है.


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4. एक्सचेंज ऑफर्स में ध्यान रखने वाली बातें
एक्सचेंज में अगर आप कोई वस्तु ले रहे हैं तो ये ध्यान रखें कि एक्सचेंज की जो कीमत आपको ऑफर की जा रही है वो खरीदारी करते समय आपके फाइनल अमाउंट में दिखना चाहिए. उदाहरण के लिए जैसे आपने कोई फोन एक्सचेंज में लिया और पुराने फोन को उसके बदले में दिया तो जो रकम आपको एक्सचेंज ऑफर के वक्त दिखाई जा रही है वही फाइनल अमाउंट बनते वक्त भी दिखनी चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि एक्सचेंज करते वक्त जो अमाउंट दिख रहा होता है वो फाइनल अमाउंट में नहीं दिखता.


इन सब बातों का अगर आप ऑफर्स लेते वक्त ध्यान रखेंगे तो अधिकतम फायदा ले पाएंगे और दिखावे की छूट और डिस्काउंट की भी पहचान कर सकते हैं.


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