Work From Home: ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा (Zerodha) के सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहते हैं. समय-समय पर वह विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखते रहते हैं. अबकी बार उन्होंने वर्क फ्रॉम होम के फायदे और नुकसान को लेकर चर्चा की है. उन्होंने बताया कि जेरोधा अब फुल रिमोट वर्क से हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) पर आ चुकी है. कुछ लोगों को वर्क फ्रॉम होम से बहुत फायदा हुआ है जबकि अन्य ने इस मॉडल में कई चुनौतियां झेली हैं. 






कोर टीम का 10 फीसदी हिस्सा ऑफिस से कर रहा काम 


जेरोधा सीईओ (Zerodha CEO) ने बताया कि उनकी कंपनी की कोर टीम का 10 फीसदी हिस्सा अब हफ्ते में 3 दिन ऑफिस से ही काम कर रहा है. इससे कंपनी के काम पर पॉजिटिव असर दिखा है. साथ ही काम करने का तरीका भी मजबूत हुआ है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि जेरोधा की पूरी टीम कोविड 19 के बाद 2020 से रिमोट वर्क मॉडल पर काम कर रही थी. इस सिस्टम ने लोगों को बहुत फायदा पहुंचाया. हालांकि, कुछ लोग परेशान भी थे. वर्क फ्रॉम होम का सिस्टम स्पोर्ट टीम के लिए अच्छे तरह से काम करता है. मगर, टेक, बिजनेस और निर्णय लेने वाले टीम मेंबर्स को इससे परेशानी होती है. इन लोगों की सबसे बड़ी दिक्कत कम्युनिकेशन की होती है.


कंपनी के सीटीओ की पोस्ट भी शेयर की 


नितिन कामत ने कंपनी के सीटीओ कैलाश नाध (Kailash Nadh) की ब्लॉग पोस्ट भी शेयर की. उन्होंने लिखा है कि रिमोट वर्क मॉडल शुरुआत में बहुत सफल रहा. हमारी प्रोडक्टिविटी में भी इजाफा हुआ. मगर, धीरे-धीरे कर्मचारियों को अकेलापन महसूस होने लगा और ऑफिस के माहौल की कमी खेलने लगी. इसलिए हमने हाइब्रिड मॉडल शुरू किया है. अभी ज्यादातर कर्मचारी रिमोट वर्क ही कर रहे हैं. सिर्फ डिसीजन मेकिंग में लगे 10 फीसदी लोग ही ऑफिस आ रहे हैं. 


लोगों ने अपने अनुभव साझा किए


नितिन कामत की इस पोस्ट पर लोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए हैं. एक यूजर ने लिखा कि वर्क फ्रॉम होम से समय और फ्यूल पर खर्च की बचत होती है. हालांकि, इससे लोग पर्सनल नेटवर्किंग से महरूम रह जाते हैं. एक अन्य ने लिखा कि घर से काम करने के अपने फायदे और नुकसान हैं. कुछ लोग इस सिस्टम में बेहतरीन काम कर रहे हैं और उनकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है.


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