Nithin Kamath: भारत सरकार इन दिनों रूफटॉप सोलर स्कीम का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही है. घर की छत पर सोलर पैनल लगाने वालों को पीएम सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के जरिए सब्सिडी भी जा रही है. मगर, इस योजना पर जेरोधा (Zerodha) के नितिन कामत (Nithin Kamath) ने कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा है कि फ्लैट में या किराए पर रहने वाले लोग चाहकर भी इस स्कीम का फायदा कैसे लेंगे. फिलहाल इसका कोई समाधान नहीं है. यही वजह है कि सब्सिडी के बावजूद सिर्फ 10 फीसदी घरों में ही रूफटॉप सोलर लग पाए हैं. लोग बिजली पैदा करना चाहते हैं लेकिन, अपार्टमेंट में रहने की वजह से वह इस इच्छा को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. 


भारतीय स्टार्टअप संडेग्रिड्स ने कर दिया समस्या का समाधान 


नितिन कामत ने इस समस्या का समाधान भी बताया है. उन्होंने कहा कि एक भारतीय स्टार्टअप संडेग्रिड्स (SundayGrids) इस समस्या का हल लेकर आया है. ये लोग सोलर पावर प्लांट लगाते हैं. साथ ही लोगों को इसमें भागीदारी करने का मौका दे रहे हैं. इसकी मदद से आप क्रेडिट पैदा करते हैं. इनका इस्तेमाल बिजली बिल घटाने में किया जाता है. ऐसे में आपको अलग से सोलर पैनल लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. आप दूर कहीं लगे सोलर प्लांट में हिस्सेदारी कर अपनी बिजली खुद पैदा कर सकते हैं. संडेग्रिड्स ने अब पूरे भारत में काम करना शुरू कर दिया है. 


थर्ड पार्टी सोलर मॉडल को बढ़ावा दे रहीं सरकारें- नितिन कामत  


जेरोधा सीईओ नितिन कामत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि केंद्र सरकार के साथ ही कई राज्य सरकारों ने भी अब थर्ड पार्टी सोलर मॉडल को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह फ्लैट में रहने वालों के लिए सोलर एनर्जी पैदा करने का एक अच्छा मौका है. इंजीनियरिंग के दो स्टूडेंट्स ने मिलकर इस क्लाउड सोलर (Solar Cloud) की शुरुआत की है. इसमें कोई भी इनवेस्ट कर सकता है. 


कम्युनिटी सोलर की सुविधा दे रहा यह स्टार्टअप संडेग्रिड्स


संडेग्रिड्स के ये सोलर फार्म लोगों को कम्युनिटी सोलर (Community Solar) की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. ऐसे में कई लोग इकट्ठे होकर अपने घर की छत के बजाय किसी एक जगह पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं. यह सिस्टम अमेरिका में पॉपुलर हो चुका है. दिल्ली में हाल ही में कम्युनिटी सोलर का प्रस्ताव पेश किया गया था. इसके अलावा कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग पर भी यह स्टार्टअप काम कर रहा है. इनकी छतों पर लोगों के पैसे से सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा की जाती है, जिसका इस्तेमाल कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग वाले ही करते हैं. मगर, इससे पैदा हुआ रेवेन्यू उन लोगों के पास जाता है, जिन्होंने अपने पैसे से वो सोलर पैनल लगवाए.






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