Nithin Kamath: ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत ने कहा है कि सेबी (SEBI) के नियमों में लगातार बदलाव आ रहा है. नितिन कामत (Nithin Kamath) के अनुसार, आने वाले समय में ब्रोकर्स के पास ज्यादा जिम्मेदारियां नहीं रह जाएंगी. वह सिर्फ ऑर्डर प्रोसेसिंग का काम करेंगे. उन्होंने मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा बदले जा रहे नियमों को लेकर भी चर्चा की. 




सेबी भारतीय मार्केट को बना रहा इनवेस्टर फ्रेंडली


नितिन कामत सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहते हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सेबी भारतीय मार्केट को इनवेस्टर फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इससे ब्रोकर्स के काम में बहुत बदलाव आ रहा है. साल 2019 के बाद से ही सेबी लगातार कई बदलाव कर चुका हैं. सेबी ने क्लाइंट फंड को अलग करना, ब्रोकरों के लिए हर तिमाही बैंक लेनदेन की जानकारी देना और म्युचुअल फंड ट्रांजेक्शन में फंड पूलिंग को खत्म करना शामिल है. 


सिक्योरिटीज का सीधा भुगतान निवेशक के डीमैट अकाउंट में


नए नियमों के अनुसार, निवेशक के डीमैट अकाउंट में सिक्योरिटीज का सीधा भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है. जेरोधा के फाउंडर ने कहा कि पहले सिक्योरिटीज खरीदने पर क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन इन्हें निवेशकों के डीमैट अकाउंट में देने के बजाय ब्रोकर के पूल अकाउंट में भेजते थे. इसके बाद ब्रोकर इसे क्लाइंट के अकाउंट में भेजता था. नितिन कामत ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि ब्रोकर्स का कामकाज भी आसान हो जाएगा.


बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट की लिमिट बढ़ाने की तैयारी 


अब बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट की लिमिट 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की तैयारी की जा रही है. इसकी वजह से निवेशकों को 10 लाख रुपये तक की होल्डिंग पर सालाना मेंटेनेंस चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा. इससे रिटेल निवेशकों को काफी लाभ होगा. नितिन कामत ने कहा कि सेबी जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, वह सराहनीय है.


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