Zerodha Founder: जेरोधा के को फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) प्रॉपर्टी में निवेश करने के खिलाफ हैं. वह अभी भी किराए के मकान में ही रहते हैं. उन्होंने पैसे और संपत्ति पर अपने विचार रखते हुए कहा है कि बेंगलुरु में असली दौलत नहीं है. यहां लोगों के पास कागजी धन है. यहां लोगों ने टेक कंपनियों में काम करके यह कागजी पैसा कमाया है. टेक कंपनियों के पास कैश नहीं होता इसलिए आपको सिर्फ लगता है कि आप दौलत कमा रहे हैं. 


17 की उम्र में करने लगे थे नौकरी 


इस बारे में निखिल कामत ने विस्तार से बात करते हुए अपनी पहली नौकरी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मेरी पहली जॉब एक कॉल सेंटर में 8000 रुपये की थी. मैं एक्सीडेंटल हेल्थ इंश्योरेंस बेचता था. उस समय 17 साल की उम्र में मैं बहुत अच्छा महसूस करता था. आपको घबराहट तब होती है, जब आपके दोस्त कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद डॉक्टर और इंजीनियर बनने लगते हैं. भले ही वो आपसे कम कमाएं लेकिन, उन्हें समाज में आपसे बेहतर माना जाता है.


घर नहीं खरीदना चाहते निखिल कामत 


निखिल कामत किराए के घर में रहते हैं. उनका मानना है कि रियल एस्टेट की कीमतें बहुत ही ज्यादा ऊंची और फालतू हैं. उन्होंने कहा कि मैं घर खरीदने की बजाय किराए के मकान में रहना पसंद करता हूं. घरों और ऑफिसों की कीमत और ब्याज दरें हद से ज्यादा ऊपर हैं. इतनी ज्यादा कीमतों के पीछे कोई तर्क नहीं बनता है. उन्हें नहीं लगता कि हाल फिलहाल में उनकी यह सोच बदलने वाली है. निखिल कामत ने कहा कि मैं बहुत कम किराया दे रहा हूं. उधर, घर खरीदने में बहुत सारी पूंजी एक ही जगह लग जाती है और रिटर्न भी अच्छा नहीं मिलता.


माता और पिता रहते थे उनके बारे में चिंतित 


उन्होंने कहा कि वह स्कूल छोड़कर नौकरी करने लगे थे. उनके माता-पिता इस बारे में काफी चिंतित रहते थे. उन्हें मुझसे ज्यादा उम्मीद नहीं थी. मैं एक पढ़े लिखे दक्षिण भारतीय परिवार से आता हूं. हमारे ऊपर रिश्तेदारों के बच्चों की तरह सफल होने का दबाव था. इसके बावजूद मेरे माता-पिता ने मुझ पर धैर्य रखा और स्थिति को अच्छी तरह संभाला.


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