Home Loan EMI: जीरोधा के निखिल कामथ ने क्यों कहा, भारत में अभी सस्ता नहीं होगा कर्ज!
Home Loan EMI: निखिल कामथ के मुताबिक सैलेरी लोगों की नहीं बढ़ी है पर ब्याज दरों के बढ़ने से होम लोन महंगा हो चुका है तो घरें भी महंगी हुई है.
Home Loan EMI: होमलोन के ब्याज दरों के बढ़ने के चलते बीते डेढ़ वर्षों में ईएमआई महंगी हो गई है. एक तरफ होम लोन महंगा हुआ है तो साथ ही हाउसिंग प्राइसेज में भी जोरदार इजाफा देखने को मिला है. यानि जिन लोगों ने इस अवधि के दौरान होम लोन लेकर घर खरीदा है उनपर महंगाई का डबल अटैक हुआ है. भले ही इस दौरान लोगों की सैलेरी में इजाफा हुआ हो या नहीं. ये बात केवल भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि अमेरिकी हाउसिंग मार्केट का भी यही हाल है.
स्टॉक ब्रोकिंग फर्म जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि, ब्याज दरें ऊंची है जिससे ईएमआई दोगुनी बढ़ चुकी है पर सैलेरी नहीं बढ़ी. और इस दौरान हाउसिंग प्राइसेज में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने लिखा कि अगर ब्याज दरें ऊपर बनी रही तो सेल्स में स्लोडाउन आ सकता है जिससे हाउसिंग प्राइसेज में गिरावट आ सकती है. निखिल कामथ के मुताबिक कॉस्ट ऑफ कैपिटल वैश्विक तौर पर आपस में जुड़ा है. ऐसे में अमेरिका में ब्याज दरें ऊंची रही तो भारत में ब्याज दरों में कमी आना संभव नहीं है.
So, rates are up, EMIs have doubled, salaries haven't, and house prices have gone up a lot.
— Nikhil Kamath (@nikhilkamathcio) November 2, 2023
What’s next? If rates stay up, the slowdown in sales could be a logical precursor to price correction. The cost of capital is correlated globally, Indian rates can't go down if the US… pic.twitter.com/DbtBSiB9JP
रूस यूक्रेन युद्ध और फूड सप्लाई में दिक्कतों के चलते अप्रैल 2022 में भारत में खुदरा महंगाई दर के 7.79 फीसदी पर जा पहुंची. जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कर्ज महंगा करना पड़ा. मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 के बीच आरबीआई ने अपने पॉलिसी रेट यानि रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी जिसके चलते होम लोन महंगा हो गया. जिन लोगों ने होम लोन के ब्याज दरों में गिरावट के आने के बाद लोन लेकर घर खरीदा उनकी ईएमआई अचानक महंगी हो गई.
एनारॉक ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट में कहा कि होम लोन के ब्याज दरों में बढ़ोतरी और इसके चलते ईएमआई के बढ़ने के बाद 2023 में अफोर्डेबल प्रॉपर्टी के सेल्स कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक दो वर्षों में ईएमआई में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया कि देश के टॉप 7 शहरों में अफोर्डेबल सेगमेंट की हाउसिंग सप्लाई में कमी आई है. 20 लाख रुपये तक के होम लोन पर 2021 के मध्य में 6.7 फीसदी ब्याज दर हुआ करता था जो 2023 में मौजूदा समय में बढ़कर 9.15 फीसदी हो चुका है.
जुलाई 2021 में 30 लाख रुपये तक के होम लोन होमबायर्स को 22,700 रुपये ईएमआई चुकाना पड़ रहा था जो अब बढ़कर 27,300 रुपये हो चुका है. हर महीने 4600 रुपये ईएमआई महंगी हो चुकी है. साल में 55,200 रुपये ज्यादा ईएमआई चुकाना पड़ रहा है. 2021 के होम लोन के दरों के मुताबिक होम बायर्स को 24.5 लाख रुपये बैंक को ब्याज के मद में भुगतान करना पड़ जो अब बढ़कर 35.5 लाख रुपये हो चुका है. यानि 11 लाख रुपये अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा. एनारॉक के मुताबिक महंगा होम लोन होमबायर्स के साथ हाउसिंग मार्केट के लिए ठीक नहीं है.
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