Nithin Kamath: भारतीय कंपनियों की हो रही घर वापसी, छोटे निवेशकों ने घुमा दिया समय का चक्र
Reverse Flipping of Companies: नितिन कामत ने कहा है कि कंपनियां देश के बाहर जाकर भारत के लिए काम करना चाहती थीं. मगर, स्टॉक मार्केट पर रिटेल इनवेस्टर्स के दमदार प्रदर्शन से चीजें बदल गई हैं.
Reverse Flipping of Companies: एक समय था जब भारतीय कंपनियों में सिंगापुर और दुबई जैसी जगहों पर बैठकर कारोबार करने की होड़ मच गई थी. ये कंपनियां काम तो भारत में कर रही थीं लेकिन, अपने हेडक्वॉर्टर देश के बाहर बनाकर बैठी थीं. अब भारतीय इकोनॉमी और स्टॉक मार्केट की उछाल ने उन्हें घर वापसी के लिए उत्साहित कर दिया है. भारतीय कारोबारी अब भारत में ही कंपनी बनाकर यहां कारोबार करना चाहते हैं. जेरोधा (Zerodha) के सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) इसे घर वापसी कहते हैं. उनका कहना है कि छोटे निवेशकों ने जबरदस्त निवेश कर ऐसी कंपनियों को घर वापसी पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. समय का पहिया अब घूम चुका है.
देश के बाहर बैठकर भारत के लिए काम करना चाहती थीं कंपनियां
नितिन कामत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि तीन साल पहले मैंने कहा था कि भारतीय कंपनियां देश के बाहर बैठकर भारत के लिए काम करना चाहती हैं. यह एक बड़ी समस्या थी. अब टेबल टर्न हो चुकी है. चीजें बदल रही हैं. देश के स्टॉक मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की भागीदारी तेजी से बढ़ी है. साल 2020 में रिटेल इनवेस्टर्स 3 करोड़ थे, जो अब 10 करोड़ से भी ज्यादा हो चुके हैं. नितिन कामत ने कहा कि कंपनियों में स्टॉक मार्केट पर उतरने की होड़ मची हुई है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने भी भारतीय कंपनियों की घर वापसी या रिवर्स फ्लिपिंग (Reverse Flipping) को आसान बना दिया है.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने रिवर्स फ्लिपिंग की राह कर दी आसान
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने एक दिन पहले ही कंपनी एक्ट (Companies Act) में बदलाव करते हुए चीजें बेहतर कर दी हैं. अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की अनुमति के साथ ही केंद्र सरकार की भी मंजूरी के नियम बदले गए हैं. नितिन कामत ने लिखा कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक (European Central Bank) के पूर्व प्रेसिडेंट मारियो द्रागी (Mario Draghi) की रिपोर्ट के अनुसार, 2008 से 2021 के बीच बने यूनिकॉर्न में से 30 फीसदी अमेरिका समेत अन्य जगहों पर शिफ्ट हो गए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों को इसके उलट अब भारत लौटने में फायदा दिख रहा है.
The number of companies with a market cap >$1 billion is at an all-time high. Along with this, the allocation of Indian households' investments in the stock market has also increased substantially. There are now 10 crore unique investors, compared to 3 crore in 2020. Thanks to… pic.twitter.com/E5WS6O4B9P
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) September 11, 2024
जानिए रिवर्स फ्लिपिंग का क्या अर्थ है?
केंद्र सरकार की ओर से भी मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने कहा है कि इस समय देश में रिवर्स फ्लिपिंग मूमेंटम ले रहा है और इसके साथ स्टार्ट-अप्स और जमे-जमाए बिजनेस के भारत की ओर लौटने का ट्रेंड देखा जा रहा है. रिवर्स फ्लिपिंग को ऐसे समझा जा सकता है जब कंपनियों ने पहले देश से बाहर जाकर (खासतौर पर अमेरिका और सिंगापुर) बिजनेस जमाया हो लेकिन अब वो वापस स्वदेश लौट रही हों. इसके पीछे खासतौर से स्थानीय रेगुलेटरी, टैक्स और इंवेस्टमेंट बेनेफिट मिलने को वजह माना जाता है.
ये भी पढ़ें
Samsung India: सैमसंग में हड़ताल जारी, छंटनी की तैयारियों में जुट गई कंपनी, नपेंगे बड़े अधिकारी