Fintech Company Shutdown: कभी 45 करोड़ डॉलर की वैल्यू को छूने वाला स्टार्टअप जेस्टमनी (ZestMoney) बंद होने जा रहा है. कंपनी ने बाकी बचे अपने 150 कर्मचारियों से भी दूसरी नौकरी तलाशने को कह दिया है. मैनेजमेंट ने बताया कि कंपनी को उबारने के सारे प्रयास विफल हो चुके हैं. इसलिए 31 दिसंबर हमारा आखिरी दिन होगा. यह स्टार्टअप ‘बाय नाऊ, पे लेटर’ की पॉलिसी पर काम करता था. कंपनी ने हाल ही में कोना कैपिटल, ओमिडयार नेटवर्क इंडिया, फ्लरिश वेंचर्स, जिप एंड स्कारलेट कैपिटल से पैसा जुटाया था.
कंपनी ने कर्मचारियों को दी जानकारी
कंपनी ने टाउनहॉल आयोजित कर अपने सभी कर्मचारियों को बताया कि रेगुलेटरी अनिश्चितताओं और नए मैनेजमेंट की कोशिशों के बावजूद हम कंपनी को बचाने में सफल नहीं हो पाए हैं. सिर्फ लीगल और फाइनेंस टीम के लोग प्रक्रिया पूरी होने तक काम करते रहेंगे. कंपनी अपने कर्मचारियों को दो महीने का पेमेंट देगी और नौकरी ढूंढने में मदद भी करेगी.
फाउंडर्स ने दे दिया था इस्तीफा
कुछ महीनों पहले कंपनी के फाउंडर्स लिजी चैपमैन, प्रिय शर्मा और आशीष अनंतरमन ने इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कंपनी को निवेशकों और नए मैनेजमेंट के हवाले कर दिया था. फोनपे से अधिग्रहण वार्ता खत्म होने का बाद से ही कंपनी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. नए मैनेजमेंट ने कंपनी को बचने के लिए जेस्टमनी 2.0 (जेमो 2.0) प्लान का एलान किया था. मगर, वह भी असफल रहा. इस स्टार्टअप की शुरुआत 2016 में हुई थी. कंपनी के पास 1.7 करोड़ कस्टमर थे. कंपनी हर महीने 400 करोड़ रुपये के लोन बांटा करती थी. इसके पास 27 कर्जदाता थे. साथ ही यह कंपनी 10 हजार ऑनलाइन ब्रांड और 75 हजार ऑफलाइन स्टोर के साथ मिलकर काम कर रही थी.
आरबीआई के नियमों से टूट गई कंपनी
भारतीय रिजर्व बैंक ने जून 2022 में आदेश दिया था कि एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियां पैसों को वॉलेट और प्रीपेड कार्ड में नहीं रख पाएंगी. इसके बाद बाय नाऊ, पे लेटर सेगमेंट में काम कर रही कई कंपनियों को तगड़ा झटका लगा था. हाल ही में अमरीकी स्टार्टअप सेजल ने भी अपना कामकाज यहां से समेट लिया था. साथ ही पेयू ने अपनी लेजीकार्ड (LazyCard) सर्विस को बंद कर दिया था.
फोनपे के फैसले ने कंपनी की कमर तोड़ दी
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फोनपे ने साल 2022 के नवंबर में जेस्टमनी को खरीदने की बातचीत शुरू की थी. फोनपे इसके लिए 20 से 30 करोड़ डॉलर देने को तैयार थी. मगर, यह वार्ता खत्म हो गई. इसके साथ ही जेस्टमनी का अंत शुरू हो गया था. इसके बाद कंपनी ने 20 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. इनमें से कई फोनपे चले गए थे. फोनपे ने कुछ पैसा भी कंपनी को दिया था. इस डील के खत्म होने के साथ ही कंपनी के तीनों फाउंडर्स ने भी इस्तीफा दे दिया था.
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