Zoho CEO: इंसान अपनी नस्ल को खुद ही मिटा देंगे, जोहो सीईओ श्रीधर वेम्बू ने दी चेतावनी
Sridhar Vembu: श्रीधर वेम्बू ने लिखा कि हमारे चावल में आर्सेनिक और मसालों में पेस्टिसाइड मिलाया जा रहा है. अगर हमें किसानों, जमीन और जल की इज्जत करना शुरू नहीं किया तो बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ेगी.
Sridhar Vembu: भारत की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी जोहो के सीईओ (Zoho CEO) श्रीधर वेम्बू इंसानों द्वारा किए जा रहे कामों से नाखुश हैं. उन्होंने कहा है कि अगर हम प्रकृति के साथ ऐसी ही छेड़छाड़ करते रहे तो वह दिन दूर नहीं है जब इंसान ही मानवता को मिटा देंगे. श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) ने एक मशहूर मसाला ब्रांड के प्रोडक्ट में पेस्टिसाइड मिलने पर निराशा जताते हुए कहा कि इंसान खुद ही अपनी नस्ल मिटाने पर तुला हुआ है.
Arsenic in our rice, pesticides in our spices ... the damage of industrialized agriculture accumulates.
— Sridhar Vembu (@svembu) April 20, 2024
If we don't respect the farmer, if we don't take care of the soil and all its microorganisms, if we don't take care of ponds or lakes and instead keep drilling deeper and…
चावल में आर्सेनिक और मसालों में पेस्टिसाइड मिलाया जा रहा
जोहो सीईओ श्रीधर वेम्बू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस मसाला ब्रांड को लेकर आई खबर शेयर करते हुए कहा कि हमारे चावलों में आर्सेनिक पाया जा रहा है. हमारे मसालों में पेस्टिसाइड मिलाया जा रहा है. खेती के औद्योगीकरण से हम इंसानियत का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा कि हमें अपनी जमीन और पानी का ख्याल रखना होगा. हम अपने पानी के स्त्रोतों के साथ दुर्वयवहार कर रहे हैं इसलिए कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी हो रही हैं.
जल, जमीन और किसान की इज्जत करनी पड़ेगी
श्रीधर वेम्बू ने लिखा कि अगर हमने अपने किसानों की इज्जत करना शुरू नहीं किया तो मुसीबत आनी तय है. हमें अपनी जमीन की रक्षा करनी होगी. उसमें मौजूद तत्वों का पोषण करना होगा. अगर हम अपने तालाबों और झीलों का ख्याल नहीं रखेंगे तो बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे. हम और ज्यादा गहराई से पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं. यह पानी आर्सेनिक से सना होता है और हमारे स्वास्थ्य को बड़ा नुकसान पहुंचाता है. अगर हमारा यही रवैया रहा तो जल्द ही हम खुद ही इंसानों की प्रजाति को नष्ट कर देंगे. हमें किसानों का सम्मान करना पड़ेगा. यही वो हाथ हैं, जो हमारे लिए खाना पैदा करते हैं. हमें दोबारा से प्रकृति से जुड़ना होगा.
फर्टिलिटी क्लीनिक की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई
अपनी पोस्ट में जोहो सीईओ ने तमिलनाडु के बढ़ते फर्टिलिटी क्लीनिक की संख्या पर भी चिंता जताई. उन्होंने लिखा कि हमें समझना पड़ेगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. दरअसल, सिंगापुर में एवरेस्ट के फिश करी मसाले (Everest Masala) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. सिंगापुर फूड एजेंसी (SFA) ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए बताया था कि इस मसाले में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा है. यह इंसानों के खाने लायक नहीं है. एथिलीन ऑक्साइड (Ethylene Oxide) एक पेस्टीसाइड है.
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