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Deepinder Goyal: जोमाटो पर 65 फीसदी ऑर्डर वेज, फिर भी विरोध से हैरान थे दीपिंदर गोयल
Zomato Pure Veg Controversy: प्योर वेज फूड डिलीवरी पर हुए विवाद पर जोमाटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा कि सोशल मीडिया पर सिर्फ 20 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया था. फिर भी हमने फैसला वापस ले लिया.
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Zomato Pure Veg Controversy: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमाटो हाल ही में एक बड़े विवाद में फंस गया था. उन्होंने प्योर वेज फूड की डिलीवरी के ग्रीन ड्रेस फ्लीट का ऐलान किया. इसके खिलाफ सोशल मीडिया में इतना शोर मचा कि जोमाटो सकते में आ गई और 24 घंटे में ही उन्हें ग्रीन ड्रेस को वापस लेना पड़ा. लोगों ने इसे प्राइवेसी उल्लंघन और सुरक्षा का मसला करार दे दिया था. जोमाटो को इस फैसले पर इतने मुखर विरोध का जरा भी अंदाजा नहीं था. जोमाटो के सीईओ दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने इस मसले पर खुलकर बात करते हुए कहा कि हमारी रिसर्च में प्योर वेज फ्लीट को लेकर शानदार आंकड़े आए थे. इसी आधार पर हमने आगे बढ़ने का फैसला किया. हम समझ ही नहीं पाए कि इस बात पर इतना बखेड़ा खड़ा हो जाएगा.
सर्वे के आधार पर शुरू की थी प्योर वेज सर्विस
जोमाटो फाउंडर (Zomato Founder) दीपिंदर गोयल ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि हमारे मार्केट सर्वे में 1600 लोगों से सवाल किए गए थे. इनकी उम्र 50 वर्ष से भी ज्यादा थी. इनमें से 72 फीसदी लोगों ने प्योर वेज सर्विस की डिमांड की थी. इसके पीछे उन्होंने जाति और धर्म के बजाय आध्यात्मिक कारण गिनाए थे. यह लोग न सिर्फ प्योर वेज खाना चाहते थे बल्कि शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां भी इनकी प्राथमिकता थी. यह बड़ा आंकड़ा था इसलिए हम ग्रीन ड्रेस सर्विस लेकर आए थे.
सिर्फ 20 फीसदी लोग थे विरोध में
दीपिंदर गोयल ने पिछले हफ्ते हुए विवाद पर कहा कि देश में कई नॉन वेजिटेरियन त्योहारों और विभिन्न पूजा के दौरान शाकाहार लेने लगते हैं. फिर भी भोजन को लेकर राजनीति की जाती है. हमारे फ्रेंड सर्किल में भी कई लोग मेडिटेशन की यात्राएं करने के बाद शाकाहारी बन गए हैं. यह पूरी तरह से आध्यात्मिक चुनाव है. वो किसी को चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं. यह अहिंसा का सिद्धांत है. इसका धर्म या जाति से कोई लेना देना नहीं है. हमें सोशल मीडिया पर जो रिएक्शन आए, उनमें से 80 फीसदी पॉजिटिव थे. इसके बावजूद हमने लोगों की सलाह पर अमल करने का फैसला किया.
जोमाटो पर 65 फीसदी ऑर्डर शाकाहारी
लोकसभा चुनाव और त्योहारों के दौरान इस सेवा को शुरू करने पर जोमाटो सीईओ (Zomato CEO) ने कहा कि इन चीजों का आपस में कोई संबंध नहीं है. हमने इन चीजों के बारे में नहीं सोचा था. जोमाटो पर 25 फीसदी कस्टमर शाकाहारी हैं. हमारे प्लेटफॉर्म पर लगभग 65 फीसदी ऑर्डर शाकाहारी होते हैं. नॉन वेजिटेरियन भी वेजिटेरियन डिश ही ऑर्डर करना पसंद करते हैं. हमने अपने डिलीवरी टीम की सुरक्षा के लिहाज से फैसला वापस लिया था.
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