Zomato GST Notice: जोमैटो को मिला जीएसटी से कारण बताओ नोटिस, 400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है मामला
Zomato Show Cause Notice: जोमैटो ने जीएसटी से मिले कारण बताओ नोटिस के बारे में शेयर बाजारों को जानकारी दी है. कंपनी ने एक बीएसई फाइलिंग में इसे लेकर अपडेट दिया है...
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो को जीएसटी से कारण बताओ नोटिस मिला है. जीएसटी का यह नोटिस 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. कंपनी ने बुधवार को देर शाम एक बीएसई फाइलिंग में जीएसटी से नोटिस मिलने की जानकारी दी.
कंपनी से मांगा गया ये जवाब
कंपनी ने बताया कि उसे जीएसटी का यह नोटिस 26 दिसंबर को मिला. नोटिस में जोमैटो से 402 करोड़ रुपये के बकाया टैक्स की मांग को लेकर जवाब मांगा गया है. यह टैक्स देनदारी डिलीवरी चार्जेज पर अनपेड टैक्स को लेकर है और 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए है. जीएसटी डिपार्टमेंट ने कंपनी से नोटिस में पूछा है कि उससे 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए 402 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड क्यों नहीं की जानी चाहिए.
पिछले महीने आया था प्री-डिमांड नोटिस
जोमैटो को इससे पहले प्री-डिमांड नोटिस भी मिल चुका है. डाइरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस यानी डीजीजीआई ने नवंबर में जोमैटो और प्रतिस्पर्धी कंपनी स्विगी को 750 करोड़ रुपये का प्री-डिमांड नोटिस भेजा था. फूड डिलीवरी कंपनियों और जीएसटी डिपार्टमेंट के बीच टैक्स देनदारी को लेकर उठ रहे ये सारे सवाल डिलीवरी चार्जेज को लेकर हैं.
इस बात को लेकर मतभेद
जीएसटी डिपार्टमेंट फूड डिलीवरी कंपनियों से उस चार्ज पर टैक्स की डिमांड कर रहा है, जो ग्राहकों से फूड डिलीवरी चार्ज के नाम पर वसूले गए हैं. वहीं दूसरी ओर जोमैटो और स्विगी जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों का कहना है कि डिलीवरी चार्जेज उन्होंने खुद नहीं लिए, बल्कि रेस्टोरेंट पार्टनर्स के लिए ग्राहकों से यह शुल्क लिया गया, ऐसे में उनके ऊपर डिलीवरी चार्जेज को लेकर सर्विस टैक्स की देनदारी नहीं बनती है.
जोमैटो को है इस बात का यकीन
बीएसई को दी गई जानकारी में जोमैटो ने इस बात का यकीन जाहिर किया है कि डिलीवरी चार्जेज पर उसकी कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है. कंपनी का कहना है कि आपसी सहमति के साथ किए गए अनुबंध के हिसाब से देखें तो ग्राहकों को डिलीवरी सर्विस रेस्टोरेंट पार्टनर की ओर से मुहैया कराई गई है, न कि जोमैटो की ओर से. हमने बाहरी कानूनी व टैक्स एडवाइजर्स से भी इस बारे में परामर्श किया और उनका भी ऐसा ही मानना है. कंपनी जल्दी ही कारण बताओ नोटिस का उचित जवाब देगी.
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