फूड डिलीवरी स्टार्ट-अप जोमाटो अपने 4700 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए अप्रैल तक ड्राफ्ट प्रोस्पेकटस फाइल करने की योजना बना रही है. जैक मा के एंट ग्रुप समर्थित जोमाटो का आईपीओ सितंबर में आ सकता है. आईपीओ के साइज और टाइमलाइन पर चर्चा हो रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी इस आईपीओ के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास अप्रैल, 2021 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस जमा करा सकती है.


सितंबर में आ सकता है आईपीओ


जोमाटो की योजना सितंबर, 2021 के अंत तक शेयर बाजार में लिस्ट होने की है. कंपनी के भीतर इस पर चर्चा चल रही है. आईपीओ का साइज क्या होगा, इस पर चर्चा चल रही है. यह 4700 करोड़ रुपये से अधिक का होगा या कम का, यह अभी तय नहीं है. हालांकि कंपनी ने अभी आधिकारिक तौर पर इस आईपीओ पर कुछ नहीं कहा है. जोमेटो ने लीड इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर कोटक महिंद्रा कैपिटल के साथ गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टेनली और क्रेडिट सुइस को नियुक्त किया है. इसके अलावा कानूनी सलाह के लिए जोमाटो ने लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास और इंडस लॉ को लीगल एडवाइजर नियुक्त किया है.


आईपीओ से पहले 1800 करोड़ का नया फंड जुटाया था


आईपीओ से पहले पिछले महीने जोमाटो ने अपने मौजूदा निवेशकों से 25 करोड़ डॉलर यानी 1800 करोड़ रुपये के नए फंड जुटाए थे. इसे कंपनी की प्री-आईपीओ फंड रेजिंग के तौर पर देखा जा रहा है. इससे कंपनी का वैल्यूएशन अब 5.4 बिलियन डॉलर यानी करीब 40,000 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि दिसंबर, 2020 में कंपनी की वैल्यूएशन केवल 28,000 करोड़ रुपये की थी.


जोमाटो की शुरुआत 2008 में पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों के साथ दिल्ली में हुई थी. कोविड काल में फूड डिलीवरी कंपनियों के कारोबार में अच्छी बढ़त दिखी थी. इससे कंपनी के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है. कंपनी को अपने विस्तार करने के लिए और पूंजी की जरूरत है. यही वजह है कि वह आईपीओ लाने की सोच रही है.


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