मात्र 35 साल की उम्र में ही पेरू की वित्त मंत्री सुर्खियां बटोर रही हैं. उन्होंने बहुत कम समय में देश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर बहुत हद तक ला दिया है. उनकी नीतियों की बदौलत पेरू अंतरराष्ट्रीय बाजार में बॉंड्स बेचने में सफल हुआ. उन्हें बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए हैं वित्त मंत्री का पद संभाले हुए. पिछले साल अक्तूबर महीने में ही उन्हें वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. मगर इतने कम समय में ही उन्होंने राष्ट्रपति की कैबिनेट में अहम जगह बनाकर अपनी लोकप्रियता बढ़ा ली.


35 वर्षीय मारिया अंटोनिटा अल्वा पेरू की रॉकस्टार बनी हई हैं. उनकी शान में हर कोई कसीदे गढ़ रहा है. पेंटर उनकी पेंटिंग उकेर कर वायरल कर रहे हैं, मां उनके साथ अपने बच्चों की सेल्फी ले कर गर्व महसूस कर रही हैं, यहां तक कि हर कोई उन्हें प्यार से टोनी बुलाने लगा है. सवाल पूछा जा सकता है कि आखिर उन्होंने ऐसा किया जिससे उनकी शोहरत हर तरफ पहुंच गई. इस बारे में हार्वर्ड में उनके अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे रिकार्डो हाउसमन कहते हैं, “अगर टोनी यहां नहीं होतीं तो आपको बिल्कुल अलग नतीजा देखने को मिलता.” रिकार्डो हाउसमन कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए संकट से उबरने के लिए पेरू सरकार के सलाहकार हैं. रिकार्डो विशेषज्ञों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं. ये समूह पेरू समेत 10 मुल्कों को कोरोना के प्रभाव से उबरने में सलाह दे रहा है. दरअसल सुस्त अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से काम किए. शुरू में उन्होंने देश विदेश के अर्थशास्त्रियों और कैबिनेट सहयोगियों से सलाह मशविरा किया. जिससे नागरिकों को कैश, सब्सिडी और सरकार की तरफ से बिजनेस लोन मुहैया कराए जाने पर सहमति बनाई जा सके. इससे पहले पेरू में इस तरह के प्रयास नहीं किए गए थे.


जब उनकी नीति धरातल पर उतरी तो लोगों ने खर्च करना शुरू किया. जिससे बाजार की स्थिति सुधरने में मदद मिली. उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के मद में कटौती कर पेरू को वापस पटरी पर लाने का प्रयास किया. सरकार में रहते उन्हीं के प्रयास से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3 बिलियन डॉलर का बॉंड्स की बिकवाली हो सकी. इस तरह पेरू ने एक दशक के सबसे कम 2.2 फीसद वृद्धि दर को पार कर लिया. इस बीच महामारी ने विश्व समेत पेरू में दस्तक दे दी. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने वक्त से पहले लॉकडाउन का फैसला लिया. इसके अलावा उनका फोकस संक्रमण की रोकथाम समेत पीड़ितों और उद्योगों की तरफ मुड़ गया. उन्होंने महामारी से उपजी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए छोटे उद्योगों और नागरिकों के लिए महत्वकांक्षी राहत पैकेज का एलान किया है. इसी के चलते कोरोना संकट काल में वित्त मंत्री को रॉक स्टार कहनेवालों की कमी नहीं है.


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