World Cancer Day: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021-2025 के लिए कैंसर को लेकर अनुमान चिंताजनक है और 2021 में 2.67 करोड़ से बढ़कर 2025 में 2.98 करोड़ हो जाने की उम्मीद है. विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day)पर नारायण हेल्थ ऑन्कोलॉजी कॉलेजियम (Narayana Health Oncologi Collegium) के चेयरमैन डॉ. शरत दामोदर (Dr. Sharat Damodar) ने कहा, भारत में 1.4 करोड़ ईयर्स ऑफ लाइफ लॉस्ट (वाईएलएल) है, जिनमें महिलाओं की संख्या 1.36 करोड़ है.


विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष 4 फरवरी को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. शरत दामोदर ने कहा, "40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को लंबे समय तक बुखार, वजन घटने, असामान्य सूजन या रक्तस्राव के किसी भी लक्षण के प्रति सतके रहने की जरूरत है और तुरंत अपनी जांच करवाएं."


कैंसर से बचने के लिए अपनाना होगा स्वस्त जीवनशैली
उन्होंने कहा, "व्यक्ति को स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए, धूम्रपान, शराब, उच्च वसायुक्त खाद्य पदार्थ, डिब्बाबंद भोजन, मिलावटी भोजन, अस्वास्थ्यकर गैसों या विकिरणों से प्रदूषित वातावरण आदि से बचना चाहिए. तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश कैंसर मुक्त कल की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकती है." पिछले कुछ आंकड़ों के अनुसार, पुरुषों में देखे जाने वाले सबसे आम कैंसर में मौखिक, फेफड़े, पेट, बड़ी आंत और महिलाओं में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय, मौखिक गुहा और कोलोरेक्टल शामिल हैं.


ल्यूकेमिया है बच्चों में सबसे आम कैंसर
दामोदर ने कहा कि बच्चों में सबसे आम कैंसर ल्यूकेमिया है. लगभग 30 प्रतिशत बच्चे इस कैंसर की चपेट में आते हैं और इनमें से लगभग 80 प्रतिशत तीव्र लसीका ल्यूकेमिया से ग्रस्त हो जाते हैं. उन्होंने कहा, हालांकि उत्तर और उत्तर-पूर्व भारत सबसे अधिक जोखिम दिखाता है. आईसीएमआर-एनसीडीआईआर की रिपोर्ट, 2021 के मुताबिक, कर्नाटक में 0-74 वर्ष आयु वर्ग के 7 पुरुषों में से 1 व्यक्ति कैंसर से पीड़ित था और 6 में 1 महिला कैंसर के जोखिम से जूझ रही थी.


बिमारी के प्रति जारूकता है जरूरी
दामोदर ने कहा, "मजूमदार शॉ मेडिकल सेंटर, नारायण हेल्थ सिटी में हम एक वर्ष में 1100 से 1200 नए रोगियों का इलाज कर रहे हैं, जिनमें से 500 से 600 पुरुष, 500 महिलाएं और लगभग 100 बच्चे हैं. पिछले 4-5 वर्षो में हम देख रहे हैं कि 15 से 20 प्रतिशत स्तन कैंसर, 15 से 20 प्रतिशत सिर और गर्दन के कैंसर और लगभग 10-15 प्रतिशत स्त्री रोग से संबंधित कैंसर के मामले हैं.'' उन्होंने कहा, "हमें बीमारी के प्रति आत्म-जागरूकता के प्रति संकल्प लेने की जरूरत है. महामारी के दौरान मामलों की कम पहचान की गई, इसलिए मामलों की कम संख्या दर्ज है."


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