Karnataka: कर्नाटक में SC-ST ठेकेदारों के लिए बढ़ाई गई निविदा कार्यों की सीमा, जानें- अब कितनी हुई?
Karnataka SC/ST Tender: कर्नाटक में स्टेट एससी/एसटी कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन कई साल से सीलिंग को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की मांग कर रहा था.
Karnataka SC/ST Tender: कर्नाटक में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण का कोटा 15 से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति के लिए 3 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. कर्नाटक में आरक्षण कोटा का प्रतिशत बढ़ाने के बाद कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) ने महत्वपूर्ण एससी/एसटी समुदायों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के ठेकेदारों के लिए निविदा कार्यो की सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है. विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले यह कदम उठाया गया. स्टेट एससी/एसटी कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन कई साल से सीलिंग को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की मांग कर रहा था.
एसोसिएशन के अध्यक्ष एन. महादेवस्वामी (N Mahadevaswamy) ने सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, "इससे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित ठेकेदारों को ज्यादा धन सीमा वाले ठेकेदारों से प्रतिस्पर्धा करने और वित्त के मामले में उनसे आगे बढ़ने में मदद मिलेगी."
सशक्त बनाने के लिए हुई थी आरक्षण की शुरुआत
सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उत्पीड़ित वर्गो को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सार्वजनिक निविदा कार्यो में आरक्षण की शुरुआत की थी. 50 लाख के बजट में कुल 24.10 प्रतिशत लोक निर्माण कार्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के ठेकेदारों के लिए आरक्षित थे. बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने बुधवार को राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के ठेकेदारों के लिए आरक्षित निविदा कार्यों की सीमा बढ़ाने के लिए एक अध्यादेश पारित किया.
आरक्षण बढ़ाने के लिए मिली थी मंजूरी
पिछले साल कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण बढ़ाने को लेकर अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. इसके तहत एससी आरक्षण 15 से बढ़ाकर 17 प्रतिशत और एसटी आरक्षण तीन से बढ़कर सात प्रतिशत हो जाएगा. आरक्षण को बढ़ाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत थी. राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही कर्नाटक में आरक्षण का कोटा बढ़ा दिया गया है.
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