Devi Chitralekha: आजकल देखा जाता है कि पैसा और वैभव होने के बाद भी कई लोग अपने जिंदगी में खुश नहीं होते है. वही कुछ संत व्यक्ति, जिसके पास ज्यादा कुछ नहीं होता, अपने जीवन में संतुष्ट रहते है. भारत की प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता देवी चित्रलेखा इस विडंबना की गुत्थी सुलझाती है. उनका इसी प्रश्न पर जवाब का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. 


टीवी से समझायी जरूरी बात


देवी चित्रलेखा इसे एक उदाहरण से समझाती है. वो कहती है कि आप अपने घर टीवी चलाकर बैठे है. लेकिन आपकी टीवी चल नहीं रही है. आपका टीवी अपडेटेड (Updated) है. वही आपका पड़ोसी, जिसका ब्लैक एंड वाइट वाला पुराना टीवी है, वो मैच देख कर आनंद ले रहा है. देवी चित्रलेखा वहां बैठे लोगों से पूछती है कि इसका क्या कारण हो सकता है. वो समझाती है कि इसका एक कारण हो सकता है कि आपके टीवी का रिमोट आपके हाथ में नहीं है. वही आपके पड़ोसी या संतों ने अपने जीवन का रिमोट कंट्रोल अपने हाथों में रखा हुआ है. इसलिए उनका टीवी चालू है. 



दूसरा कारण है नेटवर्क में दिक्कत


दूसरा कारण हो सकता है कि आपके टीवी का नेटवर्क नहीं आ रहा है. चित्रलेखा कहती है कि जैसे पहले के टीवी में एंटीना (Antenna) होता था. जब नेटवर्क नहीं आता था तब एंटीना को चारो तरफ घुमाया जाता था. वैसे ही आप भी अपना मन का नेटवर्क घुमाये और संतों की रेंज में ले जाये. इससे आप भी उनकी तरह टीवी का आनंद ले सकते है.


थप्पड़ मारने से भी चल जाता है टीवी 


देवी चित्रलेखा तीसरा कारण बताते हुए कहती है कि ऐसा भी हो सकता है कि आपके टीवी को रिपेयर की जरूरत है. वो कहती है कि जैसे पुराना टीवी थप्पड़ मारने से फिर ठीक चलने लगता है. वैसे ही आपके मन को एक झटके की जरूरत होती है. चित्रलेखा बताती है कि ये ऐसे ही किसी के भी थप्पड़ मारने से काम नहीं चलेगा. बल्कि उसके लिए एक गुरु की जरूरत है. उनका आशय है कि थप्पड़ यानी इंसान को डांट और जीवन में अनुशासन लाने के लिए गुरु की सीख की जरूरत होती है.


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