Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी के त्योहार में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. वहीं हैदराबाद (Hyderabad) में त्योहार की जोरदार तैयारियां भी हो रही हैं. इन सबके बीच ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) लोगों को झीलों में मूर्तियों को विसर्जित नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नई पहल करने जा रही है. दरअसल जीएचएमसी ने मूर्तियों के विसर्जन के लिए 74 कृत्रिम तालाबों की स्थापना करने की योजना बनाई है.
कुल तालाबों में से 28 का हो चुका है निर्माण
बता दें कि जीएचएमसी द्वारा कुल तालाबों में से 28 का निर्माण किया जा चुका है. नगर निकाय पहले से ही पोर्टेबल तालाबों के निर्माण पर काम कर रहा है, जिनमें से 22 कृत्रिम होंगे, जिनकी खुदाई चल रही है. गणेश चतुर्थी शुरू होने से कुछ देर पहले मौजूदा तालाबों में पानी भर दिया जाएगा.
जीएचएमसी ने क्यों लिया है आर्टिफिशियल तालाबा बनाने का निर्णय
गौरतलब है कि जीएचएमसी द्वारा आर्टिफिशियल तालाब को हुसैन सागर, मैल्कम तालाब, दुर्गम तालाब और नलगंडला तालाब सहित जल निकायों के पास स्थापित किया जाएगा. बता दें कि हुसैनसागर में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति नहीं देने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का पालन करने के लिए ही ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन यह निर्णय लिया है. इसलिए जीएचएमसी यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी मूर्तियों को केवल पोर्टेबल तालाबों में ही विसर्जित किया जाए.
वहीं तेलंगाना सरकार भी 31 अगस्त से शुरू होने वाले गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi )उत्सव के लिए पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इस कवायद के तरह हैदराबाद (Hyderabad) में कई विभाग शहर में छह लाख से अधिक मिट्टी की गणेश मूर्तियों को बांटने की तैयारियां कर रहै हैं.
ये भी पढ़ें