Hyderabad News: हैदराबाद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है. दरअसल यहां के एक अस्पताल को दो साल पहले एक COVID-19 मरीज से लिए गए 2 लाख रुपये रिफंड करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही हैदराबाद जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Hyderabad District Consumer Dispute Redressal Commission) ने मलकपेट (Malakpet) में स्थित अस्पताल को मरीज आबिद हुसैन को उसके द्वारा किए गए मुकदमे की लागत के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने के लिए भी कहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मरीज से 16 से 25 जुलाई, 2020 तक अस्पताल में रहने और इलाज के लिए 5.4 लाख रुपये का बिल लिया गया था. मरीज आबिद हुसैन COVID संक्रमण, डबल निमोनिया और पल्मोनरी इन्फेक्शन से संक्रमित था, उसे अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती कराया गया था.
मरीज ने अस्पताल पर लगाया था ये आरोप
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, मरीज ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया कि बिल की राशि सरकार द्वारा COVID ट्रीटमेंट और टेस्ट पर निर्धारित अधिकतम दरों का उल्लंघन कर रही है. वहींदूसरी ओर, अस्पताल ने दावा किया कि मरीज की स्थिति बहुत गंभीर थी क्योंकि वह न केवल COVID से संक्रमित था, बल्कि अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल से भी पीड़ित था.
आयोग ने मरीज के पक्ष मे सुनाया फैसला
वहीं अस्पताल द्वारा दिए गए जस्टिफिकेशन को खारिज करते हुए आयोग ने मरीज के पक्ष में फैसला सुनाया.आयोग ने अपने फैसले में कहा कि यह देखा गया कि चूंकि अस्पताल ने पैथोलॉजिकल लैब टेस्ट, कमरे के किराए आदि पर निर्धारित अधिकतम राशि का उल्लंघन किया है, इसलिए रोगी द्वारा किए गए मुकदमेबाजी शुल्क के लिए 10,000 रुपये के साथ 2 लाख रुपये की राशि का मुआवजा दिया जाना चाहिए.
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