Hyderabad News: हैदराबाद में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. बारिश की वजह से शहर को सप्लाई होने वाला पेयजल के दूषित होने की संभावना को देखते हुए हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (HMWS & SB) द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं. इसके लिए पानी के सैंपल्स को 5,000 प्रति दिन से बढ़ाकर 15,000 प्रति दिन कर दिया गया है. लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बोर्ड द्वारा उठाए गए अन्य उपायों में इमरजेंसी फंड, बूस्टर क्लोरीनीकरण, कमजोर क्षेत्रों का निरीक्षण, मलिन बस्तियों में क्लोरीन की गोलियों का वितरण और पंप हाउसों पर इंजीनियरों की तैनाती शामिल हैं.
तीन चरणों वाली क्लोरीनीकरण प्रक्रिया को अपनाया गया है
बता दें कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि शहर को सप्लाई किए किए जाने वाले पेयजल में अवशिष्ट क्लोरीन यानी 0.5 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) की पर्याप्त मात्रा है, हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड ने तीन चरणों वाली क्लोरीनीकरण प्रक्रिया को अपनाया है. पहले चरण में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) में क्लोरीनेशन की प्रक्रिया की जा रही है.दूसरे चरण में मेन बैलेंसिंग जलाशयों (MBR) में क्लोरीनीकरण किया जा रहा है और तीसरे चरण में सर्विस जलाशयों में बूस्टर क्लोरीनीकरण किया जा रहा है.
पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए उठाए जा रहे ये कदम
जल बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि, “अब तक, हमने मलिन बस्तियों में सात लाख क्लोरीन की गोलियां डिस्ट्रिब्यूट की हैं और गतिविधि चल रही हैं. बारिश शुरू होने के बाद से पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए टेस्टिंग की संख्या में भी इजाफा हुआ है. ” इसके साथ ही, अधिकारी निरंतर झुग्गियों का दौरा कर रहे हैं और लोगों से पानी की गुणवत्ता के बारे में पूछताछ भी कर रहे हैं.
बता दें कि , हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड मुरमुर के पास येलमपल्ली बैराज के अग्रभाग से हर रोज 172 मिलियन गैलन प्रति दिन (MGD) पानी खींचता है. इस कच्चे पानी को बोम्मकल और वहां से मल्लाराम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पंप किया जाता है और ट्रीटेड पानी की आपूर्ति ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और आउटर रिंग रोड के कुछ हिस्सों में की जाती है.
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