Hyderabad News: गणेश चतुर्थी के त्योहार को लेकर हैदराबाद शहर में भी जोरो-शोरो पर तैयारियां हो रही हैं. वहीं इस साल मजदूरों की कमी और कच्चे मामल की कीमतों में वृद्धि की वजह से गणबति बप्पा की प्रतिमाएं काफी महंगी हो गई है.हालांकि, प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) की मूर्तियों को अनुमति देने पर उच्च न्यायालय के हालिया फैसले से व्यापारी खुश हैं. वहीं इनका कहना है कि कंफ्यूजन की स्थिति होने से से मूर्ती बनाने में निपुण 2,000 राजस्थानी श्रमिकों ने शहर छोड़ दिया साथ ही कच्चे माल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है.


कितना महंगी बिक रही हैं मूर्तियां?
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक कारीगरों का कहना है कि इस त्योहारी सीजन में पांच फीट से 30 फीट ऊंची मूर्तियों की कीमत में 20% की वृद्धि हुई है. इसी वजह मूर्तियों के निर्माण में लगाई जाने वाली सामग्री की लागत में भारी वृद्धि है. वहीं धूलपेट के एक मूर्ति निर्माता ने कहा कि, "विशाल मूर्तियों की कीमत 15,000 से 30,000 प्रति मूर्ति है, जो पिछले साल 10,000 से 13,000 थी."


पीओपी मूर्तियों पर थी अनिश्चितता
बता दें कि गणेश चतुर्थी का त्योहार अगस्त के अंतिम सप्ताह में मनाया जाएगा, लेकिन मूर्ति बनाने की प्रक्रिया शुभ आयोजन से सात महीने पहले शुरू हो जाती है. धूलपेट के एक अन्य मूर्ति निर्माता गोपाल राज सिंह ने कहा, "हालांकि, पीओपी मूर्तियों पर अनिश्चितता के कारण, शहर में तीन महीने पहले ही काम शुरू हुआ था."


समिति के संज्ञान में लाई जा सकती है कोई भी समस्या
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए, भाग्यनगर गणेश उत्सव समिति ने स्पष्ट किया कि वे हुसैन सागर में मूर्तियों को विसर्जित करने के इच्छुक हैं. समिति के महासचिव भगवंत राव ने कहा, 'उच्च न्यायालय के फैसले ने भ्रम को खत्म कर दिया है.यदि कोई समस्या है तो निर्माता इसे समिति के संज्ञान में ला सकते हैं.”


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