Hyderabad News: आज हम तकनीकी रूप से काफी विकसित हो चुके हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने तो जैसे कोई जादू कर दिया है और कई काम अब रोबोट के जरिए किए जा रहे हैं. होटल में वेटर के तौर पर रोबोट के काम करने के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि अब रोबोट स्कूल में टीचर के तौर पर भी बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं. दरअसल हैदराबाद के इंडस इंटरनेशनल स्कूल में रोबोट मैम क्लास में एक टीचर की तरह स्टूडेंट्स को पढ़ा रही हैं.


रोबोट मैम को असिस्टेंट टीचर के रूप में तैनात किया गया है
बता दें कि इंडस इंटरनेशनल स्कूल में 7वीं, 8वीं और 9वीं कक्षा के छात्रों को साइंस के सब्जेक्ट्स के साथ जियोग्रॉफी और हिस्ट्री आदि सब्जेक्ट पढ़ाने के लिए इन रोबोट मैम को असिस्टेंट टीचर के रूप में तैनात किया गया है. इंसान की तरह लगने वाले इन ह्यूमनॉइन रोबोट को ईगल 2.0 नाम दिया गया है. खास बात ये है कि ये रोबोट टू-वे कम्यूनिकेशन भी कर सकते हैं. रोबोट कक्षा V से XI के छात्रों को शिक्षक के साथ कक्षा में और एक स्टैंडअलोन मोड में भी पढ़ाने में सक्षम है.


शिक्षा मंत्री के सामने भी दिखाई गई रोबोट की परफॉर्मेंस
इंडस इंटरनेशनल स्कूल ने हाल ही में शिक्षा मंत्री पी सबिता इंद्रा रेड्डी के सामने भी ईगल रोबोट की परफॉर्मेंस दिखाई थी ताकि सरकारी स्कूलों में भी रोबोट को तैनात करने की संभावना तलाशी जा सके. गौरतलब है कि  हैदराबाद, बैंगलोर और पुणे में तीन इंडस स्कूलों में 21 अत्यधिक इंटरैक्टिव ईगल रोबोट तैनात किए गए थे


इंडस ट्रस्ट के संस्थापक और सीईओ ने क्या कहा?
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक इंडस ट्रस्ट के संस्थापक और सीईओ अर्जुन रे का कहना है कि, सामाजिक-आर्थिक अंतर को पाटने के लिए हमने हमेशा शिक्षा को सबसे शक्तिशाली 'ब्रह्मास्त्र' माना है. इस आदर्श वाक्य ने हमें मनुष्य और मशीन के बीच एक सहज सहयोग लाने के लिए प्रेरित किया है. अन्य क्षेत्रों की तरह, एआई के साथ मिश्रित मानव बुद्धि शिक्षा प्रदान करने में एक आदर्श बदलाव लाएगी. ”


उन्होंने आगे कहा, "ह्यूमनॉइड रोबोट टीचिंग में शिक्षक की मदद करेंगे, जबकि टीचर नवाचार के लिए दक्षताओं का निर्माण कर सकते हैं. इस तरह से एक कुशल शिक्षा प्रणाली से निकलने वाली अच्छी तरह से तैयार युवा प्रतिभा हमारी अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है


रोबोट की क्या है खासियत


बता दें कि ह्यूमनॉइड रोबोट 30 से ज्यादा विभिन्न भाषाओं में शिक्षा प्रदान कर सकते हैं. रोबोट स सवाल पूछ सकते हैं, जवाब भी देते हैं और छात्रों के द्वारा सवालों के गलत जवाब देने पर अपनी प्रतिक्रिया भी देते हैं.  बच्चे मोबाइल और लैपटॉप जैसी डिवाइस के जरिए रोबोट के मूल्यांकन और कंटेंट से जुड़ सकते हैं.


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