Hyderabad Crime News: हैदराबाद पुलिस ने फर्जी नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, चार गिरफ्तार
हैदराबाद की साइबर क्राइम पुलिस ने दिल्ली और यूपी में कॉल सेंटर्स पर छापामारी कर फर्जी नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
Hyderabad Crime News: साइबर क्राइम पुलिस, डिटेक्टिव डिपार्टमेंट, हैदराबाद सिटी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में दो कॉल सेंटरों पर छापेमारी कर फर्जी नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने वाले रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया. पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है.आरोपियों की पहचान नीतीश कुमार, करण कोहली, राहुल कुमार और प्रतीक मनवर असवाल के रूप में हुई है. बता दें कि सभी गिरफ्तार किए गए आरोपियों को ट्रांजिट वारंट पर हैदराबाद लाया गया है.
आरोपियो के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज
वहीं हैदराबाद पुलिस द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार, आरोपी करण ने शेल पीएलसी इंडिया कंपनी में सीनियर जनरल मैनेजर की नौकरी दिलाने के बहाने एक व्यक्ति से 5 लाख 49 हजार 220 रुपये की ठगी की थी. वहीं आरोपी प्रतीक ने एक्सेंचर कंपनी में अकाउंटेंट की नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक महिला से 1 लाख 73 हजार 650 रुपये की ठगी की थी. चारों आरोपियों के खिलाफ ITA अधिनियम की धारा 419, 420 r/w 34 IPC और धारा 66 (C और D) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कैसे नौकरी के नाम पर ठगते थे आरोपी?
पुलिस ने बताया कि आरोपी ऑनलाइन पोर्टल और अन्य स्रोतों के माध्यम से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की डिटेल्स कलेक्ट करते थे, फिर संबंधित व्यक्ति से ईमेल या कॉल के माध्यम से कॉन्टेक्ट करते थे. इसके बाद आरोपी उम्मीदवारों को उनकी योग्यता के अनुसार उपयुक्त नौकरी ऑफर करते थे. फिर उम्मीदवारों को अपने भरोसे में लेने के लिए आरोपी ईमेल के जरिए अपाइंटमेंट लेटर भेज देते थे. इसके बाद वे रजीस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी फीस, ट्रेनिंग चार्ज, यूनिफॉर्म चार्ज और मेडिकल चेकअप आदि के बहाने उनसे पैसे ऐंठ लेते थे.
आरोपी देशभर में कई लोगों को नौकरी के नाम पर लगा चुके हैं चूना
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने देशभर में कई लोगों को इसी तरह से ठगा था. इन अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए, उन्होंने दिल्ली के राजौरी गार्डन और उत्तर प्रदेश के इंदिरापुरम, गाजियाबाद में कार्यालय और कॉल सेंटर भी खोले हुए थे. वहीं पुलिस ने लोगों को इस तरह की नौकरी के प्रस्तावों पर विश्वास नहीं करने और नौकरी के नाम पर किसी भी तरह के भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है क्योंकि वास्तविक संगठन नौकरी देने के लिए पैसे नहीं मांगते हैं.
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