Hyderabad News: अक्सर कई छात्र कभी पढ़ाई के दबाव में तो कभी शोषण और तनाव में आकर अपने ही हाथों अपनी सांसों की डोर तोड़ देतें हैं. बीते 31 अगस्त को आईआईटी हैदराबाद के एमटेक के एक छात्र राहुल ने भी सुसाइड कर ली थी. वहीं इस केस की जांच कर रही पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस को छात्र का सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा है कि आईआईटी जैसा प्रमुख संस्थान साल 2019 में कैंपस में हुई तीन आत्महत्या केस की रिपोर्ट से भी कुछ सीखने में नाकाम रहा. बता दें कि संगारेड्डी पुलिस ने मृतक राहुल के लैपटॉप से सुसाइड नोट बरामद किया है.
राहुल ने सुसाइड नोट में लिखा थीसिस जमा करने का दबाव ना डालें
सुसाइड नोट में राहुल ने इस बात को भी हाईलाइट किया है कि एमटेक स्तर पर थीसिस जमा करने से उन पर कैसे दबाव बढ़ रहा था. इस बात पर जोर देते हुए कि संस्थान को छात्रों पर थीसिस पूरी करने के लिए जोर नहीं देना चाहिए, राहुल ने लिखा, "ज्यादातर, छात्र प्लेसमेंट के लिए एमटेक में ज्वाइन करते हैं.फिर थीसिस क्यों? इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी-बेंगलुरु जैसे संस्थान इंटर्नशिप की पेशकश जैसे थीसिस के ऑप्शन प्रोवाइड करते हैं. थीसिस करने के लिए किसी भी छात्र पर दबाव ना डालें. यदि वह (एक छात्र) थक गया है, तो वह आत्महत्या पर ज्यादा रिसर्च करेगा और अंततः उसका शोध सफल होगा."
नौकरी नहीं मिलने से था दुखी
नौकरी पाने के लिए अपने संघर्ष पर दुख व्यक्त करते हुए, आंध्र प्रदेश के कुरनूल के रहने वाले राहुल ने सुसाइज नोट में लिखा है, "मुझे नौकरी पाने के लिए प्लेसमेंट के दबाव, थीसिस और भविष्य के संघर्षों के कारण जीने में कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं सिंपल लाइफ लीड करना चाहता था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसके लिए अगले कुछ वर्षों तक संघर्ष करना पड़ेगा."पुलिस ने कहा कि राहुल के सुसाइड नोट के अनुसार, महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेज का उस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. इस कारण उसने आत्मविश्वास भी खो दिया, उसने नोट में 12,000 रुपये स्टाइपेंड के अनियमित भुगतान का भी जिक्र किया था.
ये भी पढ़ें