Bageshwar Dham Sarkar: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित बागेश्वर धाम में हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री पर्चा बनाकर लोगों की समस्याओं को बताने और निराकरण करने के दावे करते हैं. वो अपने दरबार में बैठे लोगों में बीच में से किसको बुला कर उसकी अर्जी सुनते है. बीच बीच में वो वहां बैठे लोगों से बात करते है और उपदेश भी देते है. पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वो अपने बचपन का वाकया बता रहे है जब वो बाकी की तरह अपने गांव के बालाजी दरबार में अर्जी लगाने गए थे. आइये जानते है कि बाल अवस्था में उन्होंने क्या अर्जी लगायी थी.
धीरेन्द्र शास्त्री की विचित्र अर्जी
बागेश्वर धाम बाबा धीरेन्द्र शास्त्री दरबार में बैठे लोगों को बताते है कि बचपन में उनके परिवार की आर्थिक हालात अच्छी नहीं थी. उनके पिता कुछ काम नहीं करते थे. घर में खाने की भी दिक्कत थी. वो भिक्षा यापन कर जीवन काट रहे थे. एक समय जब वो 10 साल के थे तो वो बाला जी दरबार गए. उनकी अर्जी भी विचित्र थी. उनकी अर्जी थी कि उनको गड़ा हुआ धन मिल जाये. वहां बालाजी दरबार में दादा गुरूजी महाराज बैठे हुए थे.
दरबार में अर्जी स्वीकार हुई ?
धीरेन्द्र शास्त्री ने बालाजी दरबार में जाकर दादा गुरूजी महाराज से कहा, 'मैंने सुना है तुम मन की बात पढ़ लेते हो, तो पहले बताओ मेरे मन में क्या है. मुझे कुछ चाहिए'. इस पर दादा गुरूजी महाराज मुस्कराये. उन्होंने कुछ बोला नहीं और न ही कोई पर्चा बनाया. उन्होंने 10 साल के धीरेन्द्र शास्त्री का हाथ पकड़ा और शंकर जी के मंदिर के मंदिर ले गए. वहां उन्होंने मंदिर के आगे खड़े होकर कहा , 'जा आज से ये तुम्हारे हो गए और ये तुम्हारा हो गया '.
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