Khargone News: कहते हैं बच्चे भगवान का दूसरा रूप होते हैं. शायद इसी बालरूपी भगवान ने इंदौर संभाग के खरगोन में ऐसी मिसाल कायम कर दी जो कलयुग में तो बड़ी मुश्किल से देखने को मिलती है. आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
दरअसल खरगोन जिले के बड़वाह तहसील में दो बच्चों को रास्ते में एक दो हजार नही बल्कि 9 हजार रुपये पड़े मिले. बच्चे चाहते तो ये पैसा चुपचाप अपने पास रख लेते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और मासूमियत और ईमानदारी की मिसाल कायम करते हुए उन्होंने ये रूपया नजदीकी पुलिस थाने में जमा करवा दिया. अब इस राशि का जो भी दावेदार होगा वह थाने आकर इसे ले सकेगा.
ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार बच्चों को स्कूल के बाहर ही सड़क पर 8900 रुपये बिखरे हुए पड़े मिले थे. बच्चे यहां पर खेल रहे थे और खेलते खेलते ही उन्हें ही रुपए मिले थे. इनमें ज्यादातर नोट 500 रुपये के शामिल थे. बच्चों ने यह पैसे इकट्ठे किए और बड़वाह एसडीओपी अर्चना रावत के कार्यालय पहुंचकर रकम उनके सुपुर्द कर दी. इस मौके पर एसडीओपी अर्चना रावत ने भी बच्चों को प्रोत्साहन करते हुए उन्हें पुरस्कार किया.
स्कूल के बाहर खेलते हुए सड़क पर मिले थे रुपये
दरअसल खरगोन में बड़वाह तहसील है जहां तीसरी और पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले इन दो मासूम बच्चों ने अपनी ईमानदारी का बेहतरीन परिचय दिया है. यहां के सरस्वती शिशु मंदिर बड़वाह में पढ़ने वाले कक्षा पांचवी के छात्र विशाल मुजाल्दे पिता गोरेलाल मुजाल्दे और कक्षा तीन के छात्र यश राठौड़ पिता विजय राठौड़ को दोपहर में स्कूल के बाहर ही खेलते हुए सड़क पर पड़े हुए मिले थे जिसमें 100 200 और 500 रुपये के नोट शामिल थे इनमें 500 रुपये के नोटों की संख्या ज्यादा थी बच्चों को पहले तो डर लगा लेकिन बाद में उन्होंने यह पैसे इकट्ठे किए.
ईमानदारी को देखकर पुलिस भी हैरान
बच्चों ने पैसा इकट्ठा करने के बाद इसकी जानकारी पहले अपनी कक्षा की अध्यापिका को दी और टीचर ने बच्चों से मिले रुपए की जानकारी विद्यालय के प्रबंधक रामकृष्ण जायसवाल को दी. वही रामकृष्ण जयसवाल ने दोनों बच्चों को शाबाशी दी और रुपए के साथ उन्हें थाने भिजवाया. थाने पर बच्चों ने यह पैसे एसडीओपी अर्चना रावत को पूरी जानकारी के साथ सौंप दिए. दोनों छोटे-छोटे बच्चों की इस ईमानदारी को देखकर पुलिस भी हैरान है और एसडीओपी अर्चना रावत ने बच्चों को सम्मानित किया है. अर्चना रावत ने एबीपी लाइव से बात करते हुए कहा कि बच्चों की इसी ईमानदारी पर उन्होंने उन्हें पुरस्कृत भी किया है ताकि और बच्चों को भी प्रोत्साहन मिल सके.
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