MBA Paper Leak In DAVV Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एमबीए प्रथम सेमेस्टर के दो पेपर लीक मामले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हंगामा हो रहा है. पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया है. साथ ही जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस बीच उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो विश्वविद्यालय में मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 को लागू करने का प्रयास करेंगे.


दरअसल, यूनिवर्सिटी एमबीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं के दौरान लगातार पेपर लीक होने के कारण लगातार विवादों में है. ऐसे में इंदर सिंह परमार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले एबीवीपी कार्यकर्ताओं से मिले. इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि "मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की हम धारा 52 को लागू करने की पूरी कोशिश करेंगे. ताकि शिक्षा के मंदिरों पर किसी भी तरह के संदेह की गुंजाइश न रहे. हम पारदर्शी व्यवस्था बनाने का भी प्रयास कर रहे हैं."






धारा 52 में क्या है?
बता दें धारा 52 के तहत मौजूदा कुलपति को हटाया जाता है और पूरी कार्यकारी परिषद को भंग कर दिया जाता है. धारा 52 को लागू करने के साथ ही सरकार कुलपति को प्रोफेसरों के एक पैनल की सिफारिश करती है, जो उनमें से एक को नया कुलपति नियुक्त करता है. ऐसे कुलपति का कार्यकाल एक साल का होता है।


क्या है पूरा मामला?
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एमबीए प्रथम वर्ष की परीक्षा के तीन प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले लीक हो गए. दो पेपर की परीक्षा रद्द कर दी गई, जबकि विश्वविद्यालय ने तीसरे विषय के प्रश्नपत्र को भी लीक होने की आशंका के चलते बदल दिया था. प्रश्नपत्र बीते महीने मई के आखिरी हफ्ते में लीक हुए थे.




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