Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम में इतनी पेशी है जरूरी, जानें- दरबार में आए भक्तों को किन बातों का रखना होता है ध्यान?
Bageshwar Dham: जब दरबार में किसी की अर्जी लग जाती है तो उस श्रदालु को पेशी करनी होती है. कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का आदेश आता है. इसके अलावा भक्त की अपनी श्रद्धा है.
Bageshwar Dham Peshi : मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र शास्त्री के पास अर्जी लगाने लोग दूर दूर से पहुंचते है. अर्जी लगने पर धीरेन्द्र शास्त्री उनका पर्चा पढ़कर उनकी समस्याओं का निवारण करते है. लेकिन बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की एक प्रक्रिया है. लेकिन अर्जी लगने के बाद बागेश्वर धाम में पेशी लगाना भी काफी जरूरी होता है. आइए जानते है कि बागेश्वर धाम में कितनी पेशी जरूरी है.
पेशी लगाते वक्त इस बात का रखे ध्यान
जब दरबार में किसी की अर्जी लग जाती है तो बागेश्वर धाम दरबार में बालाजी महाराज धीरेन्द्र शास्त्री खुद बता देते हैं कि उस श्रदालु को कितनी पेशी करनी है. बागेश्वर धाम की इंटरनेट वेबसाइट की सूचना के हिसाब से कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का आदेश आता है. इसके अलावा भक्त की अपनी श्रद्धा है. वो इससे अधिक पेशी भी कर सकते हैं. भक्त को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए. जब तक उसकी पेशी पूरी नहीं हो जाती, तब तक मदिरा, मांस, लहसुन और प्याज का सेवन पूरी तरह से वर्जित रखना होता है.
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है ?
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की एक प्रक्रिया है. जिसको भी बागेश्वर धाम में अपनी अर्जी लगवानी है उसे धाम पर आकर रंगीन कपड़े में एक नारियल बांध कर धाम परिसर में रखना होता है. नारियल को बांधने वाले कपड़े के तीन रंग हो सकते है. आप लाल, पीले और काले कपड़े में नारियल को बांध सकते है. इन रंगो के अपने मायने है. अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो लाल कपड़े में नारियल बांधे, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधे और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधे.
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