Indore News: मंगलवार को नागपंचमी का त्योहार था. इस दौरान मध्य प्रदेश में इंदौर वन विभाग ने सपेरों के खिलाफ अभियान चलाया था. अपने अभियान के तहत इंदौर वन विभाग ने लगभग तीन दर्जन सरीसृपों को रेस्क्यू करने में कामयाबी हासिल की है. दरअसल कुछ सपेरे नाग पंचमी के त्योहार पर नागों को ले जाते हैं और उन्हें दूध पिलाने के लिए घर-घर जाकर दूध मांगते हैं. ये सपेरे बिलों से सांपों को पकड़ते हैं और तस्करी के दौरान उनके निवास स्थान को नुकसान पहुंचाते हैं या उन्हें घायल करते हैं.
सांप दूध को पचा नहीं पाते हैं
वहीं वरिष्ठ वन अधिकारियों के अनुसार, नाग पंचमी पर, सपेरे विभिन्न घरों में सांपों को ले जाते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं. वे आमतौर पर त्योहार से पहले के दिनों में सांपों को भूखा रखकर ऐसा करते हैं. वे अधिकारियों से बचने के लिए सांपों को अंधेरी जगहों में छिपा कर रखते हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि सांप दूध को पचा नहीं पाते क्योंकि यह उनका प्राकृतिक आहार नहीं है.
35 सांपों के अभियान के तहत बचाया गया है
वहीं इंदौर के डीएफओ नरेंद्र पांडवा ने कहा कि, "दूध सांपों में डिहाइड्रेशन और अन्य रिएक्शन की वजह बनता है, यहां तक कि कई बार दूध पिलाने से सांपों की मौत भी हो जाती है."उन्होंने कहा कि इंदौर वन विभाग द्वारा शुरू किए गए एक अभियान में, लगभग 35 सरीसृपों को सपेरों से बचाया गया है. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वन्यजीव अधिनियम के तहत सपेरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि बचाए गए सरीसृपों को जंगल में छोड़ दिया गया है."
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