Indore News: इंदौर में भारी बारिश से सड़कें बनी तालाब, बड़ी-बड़ी गाडियां भी पानी में बहती आई नजर
इंदौर में भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में जलभराव हो गया है और जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. इतना ही नहीं लोगों की गाड़ियां भी सड़को पर बहती नजर आ रही हैं.
Indore Rain: मध्य प्रदेश के इंदौर में मंगलवार को कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने बॉलीवुड की फिल्मों की याद दिला दी. दरअसल यहां हुई भारी बारिश के बाद हिंदी फिल्मों में दिखाए जाने वाले बाढ़ के सीन की तरह गाड़ियां भी सड़कों पर बहती नजर आई. दरअसल इंदौर में मंगलवार को हुई भारी बारिश के बाद कई निचले इलाके जलमग्न हो गए थे. जिसके बाद कई कारें पानी में बहने लगीं. हालांकि कारों में सवार कई लोगों को स्थानीय निवासियों ने बचा लिया. इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों का जायजा भी लिया.
खरगोन में पिकनिक मनाने आए लोगों भारी बारिश में फंसे
वहीं मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के एक जंगल में बारिश के बाद अचानक पानी बढ़ने से 14 लग्जरी कारें बह गईं. इस दौरान अपनी जान बचाने के लिए 50 लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ लगानी पड़ी. वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार ने बताया कि इंदौर जिले से आए कुछ लोग रविवार शाम को बलवाड़ा थाना क्षेत्र के कटकूट जंगल में सुकड़ी नदी के पास पिकनिक मना रहे थे.इसी दौरान क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया.
ट्रैक्टरों की मदद से 10 कारों और एसयूवी को बाहर निकाला गया
जिसके बाद पिकनिक मनाने आए लोग अपनी कारों और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) को छोड़कर खुद को बचाने के लिए जंगल में ऊंचे स्थानों पर चले गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दौरान कुछ एसयूवी समेत कम से कम 14 कारें पानी में बह गईं. वहीं सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय ग्रामीणों के ट्रैक्टरों की मदद से 10 कारों और एसयूवी को बाहर निकाला गया.
स्थानीय पुलिस को क्षेत्र में बोर्ड लगाने की दी गई हिदायत
अधिकारी ने कहा कि हालांकि तकनीकी खराबी के कारण कारें स्टार्ट नहीं हो सकीं क्योंकि वाहनों में पानी घुस गया था. उन्होंने कहा कि पिकनिक मनाने वालों को बाद में अन्य वाहनों से उनके घर भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि तीन अन्य कारें दूर-दूर तक बह गईं, जबकि एक पुल के खंभे के पास फंस गई. वहीं अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस को क्षेत्र में एक बोर्ड लगाने को कहा गया है, जिससे ऐसे स्थानों पर अचानक पानी बढ़ने के खतरे की सूचना दी जा सके.
ये भी पढ़ें