Kubereshwar Dham Video: प्रदीप मिश्रा को कई श्रद्धालु शिवजी के चमत्कार को बताने के लिए पत्र लिखते है. ऐसा ही एक पत्र एक पिता ने लिखा है. उसकी बेटी का दिमाग के साथ साथ शरीर भी दिव्यांग था. उसके मुंह से लाल टपकती थी. डॉक्टर ने भी कह दिया था कि वो जीवन भर ऐसे ही रहेगी. पिता ने पत्र में बताया कि कैसे सीहोर वाले बाबा प्रदीप मिश्रा की कथा ने उसकी बेटी को हालत को सही कर दिया. 


जगह जगह कराया डॉक्टर से इलाज
 
पत्र लिखने वाला का नाम अर्जुन राजकुमार सुगन्धि है. उसकी बेटी अंजलीका का जनम जनवरी 2013 में हुआ था. उसके शरीर का विकास तो हो रहा था पर जांच के बाद डॉक्टर ने कहा कि अंजलीका दिव्यांग ही रहेगी. उसका पैर और दिमाग काम नहीं करेगा. साथ ही इसके मुंह से लाल भी गिरती रहेगी. पत्र लिखने वाले पिता ने अपनी बेटी का इलाज जगह जगह कराया. वो अपनी बेटी को मुंबई, इंदौर, जलगांव और बाकी सभी जगह के डॉक्टर के पास लेकर गया. सभी ने ये ही कहा कि उसकी बेटी ऐसे ही रहेगी. परिवार ने भी बेटी के सही होने की उम्मीद छोड़ दी. पिता ने पत्र के साथ सभी डॉक्टर की रिपोर्ट भी लगायी हुई है. उनमें लिखा हुआ है कि अंजलीका दिव्यांग ही रहेगी. 



रोज करने लगे ये उपाय


अंजलीका का परिवार सीहोर वाले महाराज की कथा सुनने लगी. उसके बाद से वो अपनी बेटी को शिवजी के मंदिर ले जाया करते थे. वहां वो जल चढ़ाते और बेटी को पीला देते थे. साथ ही बेलपत्र को वही पीसकर वो बेटी के मुंह में डाल देते थे. अंजलीका के पिता उसको मंदिर की दीवार पर खड़ा करके छोड़ देते थे और प्रार्थना करते थे. वो रोज ये ही करने लगे. एक दिन पिता ने अंजलीका को जल और बेलपत्र दिया और जल को उसके पैर पर मला. इसके बाद अंजलीका को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया. अंजलीका गिरती रही और उसके पिता उसे खड़ा करते रहे. फिर जाकर तीसरी बार में न सिर्फ अंजलीका खड़ी हुई बल्कि चलने भी लगी. 


ये चमत्कार कैसे हुआ ?


पत्र लिखने वाले पिता ने अपनी बेटी की 2 तस्वीरें भी लगायी. एक में उसके दिव्यांग के समय की तस्वीर दी और दूसरे में बेटी के स्वस्थ होने के बाद की तस्वीर है. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इसमें कोई सीहोर वाले बाबा का कमाल नहीं है. केवल भक्त की भक्ति और भोलेनाथ पर विश्वास से ये चमत्कार हुआ है. 


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