Madhya Pradesh News: भगवन को रिझाने के लिए भक्त अपनी अपनी तरह से भक्ति करते है. कोई व्रत रखता है तो कोई रोज सुबह शाम पूजा अर्चना करता है। लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के परदेशीपुरा के मंदिर में शिवजी की अनोखी आरती होती है. इस मंदिर को गेंदेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर के गर्भगृह में 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ चारों धाम की प्रतिमाएं स्थापित हैं. लेकिन इस मंदिर को खास बनाता है यहाँ शाम को होने वाली शिवजी की आरती. इतनी खास होती है कि इसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है. भक्तों का भी मानना है की इस मंदिर में शिव विराजमान हैं, इसलिए यहां मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूर्ण होती है.


एक पैर पर खड़े होकर होती है तांडव आरती 
रोज शाम को मंदिर के पुजारी विश्वजीत शर्मा एक पैर पर खड़े होकर शिव आरती करते हैं. जिस ढंग से आरती होती है उसके चलते लोग इसे तांडव आरती कहते हैं. विश्वजीत शर्मा ने बताया कि वह यह आरती 20 साल से कर रहे है. उन्होंने करीब 12 साल की अवस्था में इसे करना शुरू किया था. इससे पहले मंदिर में सामान्य आरती ही हुआ करती थी. एक दिन आरती के समय उनके हाथ-पैर थिरककर ओम(ऊँ) के आकर में आ गए. तब से यह सिलसिला जारी है. पुजारी विश्वजीत तांडव आरती से पूर्व प्रतिदिन 108 शिवलिंग बनाकर शिव जी का अभिषेक पूजन करते हैं. पूजा करते समय ओम(ऊँ) मुद्रा बन जाने के कारण कुछ लोग इसे ओंकार आरती भी कहते हैं. आरती में लगभग एक घंटे का समय लगता है.



शरीर पर धारण करते है 1100 रुद्राक्ष
आरती के साथ ही पुजारी की वेशभूषा भी भक्तों का ध्यान खींचती है. आरती के पहले वे 13 फीट लंबा बिना सिला हुआ रेशमी चोला धारण करते हैं. वह अपने दोनों हाथ, गले और कमर में कुल मिलाकर 1100 रुद्राक्ष की मालाएं धारण धारण कर एक पांव पर तांडव आरती करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में लिखा है कि 1100 रुद्राक्ष पहनकर अभिषेक या पूजा करने से शिव प्रसन्न होते हैं. यह माला उन्हें उनके गुरु ने भेंट कर उन्हें यह पहनकर आरती करने का आदेश दिया था. 


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