Father Stan Swamy on first death anniversary: कोलकाता में आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की पहली बरसी पर करीब 200 लोगों ने मोमबत्ती जलाकर पैदल मार्च निकाला. फादर स्टेन स्वामी को माओवादियों से संबंधों के आरोपों पर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और उनकी न्यायिक हिरासत में मौत हो गयी थी. वह पार्किंसन समेत कई बीमारियों से जूझ रहे थे. उन्होंने पांच जुलाई 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी.


'स्टेन स्वामी, हम आपकी लड़ाई नहीं भूलेंगे'


कोलकाता नागरिक सम्मेलन और पश्चिमबोंगो सामाजिक न्याय मंच जैसे विभिन्न नागरिक संस्थाओं के सदस्य मंगलवार को पार्क सर्कस मैदान इलाके में एकत्रित हुए. उन्होंने मोमबत्तियां और तख्तियां ली हुई थीं, जिन पर लिखा था, ‘‘स्टेन स्वामी, हम आपकी लड़ाई नहीं भूलेंगे’’. शिक्षाविद् और रोमन कैथोलिक चर्च के पादरी फादर फेलिक्स राज ने कहा, ‘‘उनसे हिरासत में सही बर्ताव नहीं किया गया. उन्हें पिंजरे में बंद एक पक्षी की तरह रखा गया, जिसने जेल से गरीबों के अधिकारों के लिए गीत गाए. आज हम उनकी लड़ाई और योगदानों को याद करने के लिए यहां आए हैं.’’


स्वामी पर लगे थे कई गंभीर आरोप


राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एल्गार-परिषद-माओवादी संबंध मामले के सिलसिले में रांची के बगैचा में स्वामी के घर से उन्हें गिरफ्तार किया था. यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में ‘एल्गार परिषद’ सम्मेलन में दिए कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़ा है. पुलिस का दावा है कि कथित भड़काऊ भाषणों से अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के समीप हिंसा भड़की. पुणे पुलिस ने दावा किया कि इस सम्मेलन को माओवादियों ने समर्थन दिया था.


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