Kolkata Coronavirus News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) में जानलेवा कोरोना वायपस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोविड विस्फोट (Covid 19) के बाद निजी अस्पतालों ने कमर कस ली है. चार अस्पतालों में एक्सक्लूजिव कोविड वार्ड (Covid Ward) चालू हो चुका है. वहीं तीन अन्य में भी सुविधा जल्द शुरू हो जाएगी. ज्यादातर नए मरीजों में कोरोना के लक्षण हल्के हैं लेकिन उनकी अन्य बीमारियां गंभीर हैं. जानिए कोलकाता में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है.


को-मॉर्बिड मरीजों की हालत गंभीर, ITU में भी बेड रिजर्व


कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में गुरुवार को 40 बेड का कोविड वार्ड शुरू किया गया. फरवरी में तीसरी लहर (Covid Third Wave) के केस में कमी आने के बाद से इस वार्ड का इस्तेमाल अन्य बीमारियों के ट्रेटमेंट के लिए किया जा रहा था. इस अस्पताल में 9 कोरोना मरीज कोविड वार्ड में और एक कोरोना मरीज आईसीयू में भर्ती हैं. आईसीयू में कुल आठ बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व हैं. अस्पतास के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सुदिप्तो मित्रा ने कहा, “अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में कोराना ग्रसित मरीजों को अन्य मरीजों से अलग रखने के लिए विशेष वार्ड आवश्यक है. हालांकि, ज्यादातर मरीजों में कोरोना के लक्षण हल्के हैं, लेकिन उनकी अन्य बीमारियां गंभीर हैं.” उन्होंने कहा, “अगर कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती है तो आईसीयू में हम कोविड के लिए रिजर्व बेड की संख्या बढ़ा सकते हैं.''


आरएन टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डिएक साइंसेज (आरटीआईआईसीएस) में बुधवार को कोविड का एक भी मामला नहीं था. लेकिन एहतियातन यहां आठ बेड का कोविड वार्ड और छह बेड का कोविड आईसीयू तैयार कर लिया गया है. अस्पताल के जोनल हेड आर वेंकटेशन ने बताया, “सभी चार कोरोना मरीज अन्य गंभीर बीमारियों से पहले से ग्रसित हैं. कोविड होने से उनका केस बिगड़ गया है. इनमें से दो मरीज की कीडनी फेल हो चुकी है. सभी कोरोना मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर है, इसलिए उनके कोरोना को जल्द कंट्रोल करना होगा.”


बचकर रहना! परिवार में ऐसे लोग हैं तो बढ़ सकता है खतरा


विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार कोविड से ग्रसित अधिकांश मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी. लेकिन को-मॉर्बिड या ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें अगर कोरोना हुआ तो खतरा बढ़ सकता है. सीएमआरआई अस्पताल के पल्मोनोलॉजी निदेशक राजा धर ने बताया, “इस लहर में अधिकतर कोविड मरीज ऐसे होंगे, जिनके लिए कोविड ज्यादा नुकसानदायक नहीं होगा.”


बढ़ते कोविड मामलों पर नजर, चौथे वेव के लिए ‘प्लान-बी’ भी तैयार


अस्पताल राज्य में बढ़ते कोविड मामलों पर नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल जहां 8-10 बेड के वार्ड और आईसीयू की व्यवस्था है, वहीं केस बढ़ने पर सुविधा बढ़ाने का भी प्लान तैयार कर लिया गया है. इसी कड़ी में मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व कर दिया गया है. अस्पताल में तीन कोविड मरीज भर्ती हैं. अगर यह मामला बढ़ता है तो विशेष वार्ड चालू कर दिया जाएगा. अस्पताल के चेयरमैन आलोक रॉय ने कहा, “अस्पताल के नॉन कोविड वार्ड में भर्ती तीन मरीज कोरोनाग्रस्त पाए गए हैं. अगर कोविड मरीजों की संख्या 10 से बढ़ती है तो उनके लिए एक पूरा वार्ड अलग से चालू किया जाएगा.”


चारनोक अस्पताल में मंगलवार तक जहां कोविड का एक भी मरीज नहीं था, वहां अब तीन-तीन कोराना मरीज इलाजरत हैं. अस्पताल ने सात बेड का कोविड वार्ड और एक आईसीयू चालू किया है. अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत शर्मा ने कहा, “मरीजों की संख्या बढ़ रही है और अब हमारे पास कोरोना का अलग वार्ड तैयार है.”


वुडलैंड्स अस्पताल जहां फिलहाल सात मरीज भर्ती हैं, उसने अपनी क्षमता बढ़ाकर 12 बेड तक कर दी है. वहीं, एएमआरआई अस्पताल में जहां 15 कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है, वहां जल्द एक कोविड शुरू होगा. अस्ताल के सीईओ रूपक बरुआ ने कहा, “हफ्ते की शुरुआत में हमारे पास 9 कोविड मरीज थे लेकिन अब उनकी संख्या बढ़ती जा रही है. हमारा कोविड टास्क फोर्स हालात पर नजर बनाए हुए है.”


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