Rajnath Singh in Kolkata: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले शुक्रवार को कोलकाता आ सकते हैं. यहां वो गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे भारतीय नौसेना के लिए एक उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट का शुभारंभ करेंगे. जीआरएसई नौसेना के एक प्रोजेक्ट 17 ए के तहत तीन ऐसे युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है. राजनाथ सिंह की पत्नी सावित्री भी इस मौके पर मौजूद रहेंगी. फ्रिगेट नौसेना में छोटा जहाज होता है जो अन्य जहाजों की सुरक्षा के लिए उनके साथ जाता है.
दूसरे जहाज का लॉन्च भी एक बड़ी घटना होगी- जीआरएसई के अध्यक्ष
जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सीएमडी पीआर हरि (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हमारे द्वारा बनाए जा रहे तीन युद्धपोतों में से पहला फ्रिगेट 2020 में पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की उपस्थिति में लॉन्च किया गया था. दूसरे जहाज का लॉन्च भी एक बड़ी घटना होगी और हमें उम्मीद है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मौके पर मौजूद रहेंगे.
फ्रिगेट कोलकाता शिपयार्ड द्वारा बनाए जा रहे सबसे जटिल जहाजों में से एक है. उनमें से प्रत्येक में जर्मन कंपनी मैक्स द्वारा भारत में अपनी इकाई में बनाए गए दो इंजन हैं. इन जहाजों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), बेंगलुरु द्वारा विकसित और निर्मित गैस टर्बाइन (प्रत्येक में दो) भी हैं. प्रत्येक जहाज की लागत 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है.
31 मार्च हमारे पास 24,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे- कमोडोर हरि
कमोडोर हरि (सेवानिवृत्त) ने कहा कि 31 मार्च, 2022 तक, हमारे पास 24,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे. हम इस समय विभिन्न वर्गों के 23 जहाजों पर काम कर रहे हैं. इसमें बांग्लादेश के लिए आठ गश्ती नौकाएं और गुयाना गणराज्य के लिए एक नौका शामिल है. हमें दो लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (एलपीडी) के लिए अनुबंध प्राप्त करने की उम्मीद है. ये बड़े जटिल जहाज होंगे. हम अगली पीढ़ी के कार्वेट (एनजीसी) के लिए बोली प्रक्रिया शुरू होने का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसमें लगभग 18 महीने लगने चाहिए. मिसाइल और पनडुब्बी रोधी युद्ध, दोनों कार्वेट बनाने में हमारी विशेषज्ञता को देखते हुए, हमें इनमें से कम से कम चार जहाजों के लिए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.
एलपीडी एक ऐसा जहाज है जो लैंडिंग क्राफ्ट के साथ टैंक, आर्टिलरी गन और हेलीकॉप्टर सहित हमला करने के लिए सारे साजो सामान ले जा सकता है. हमले के दौरान, एलपीडी टीम को वांछित स्थान पर छोड़ने के बाद आवश्यक रसद सहायता प्रदान करता है. नौसेना जल्द ही ऐसे चार जहाजों के लिए बोली प्रक्रिया शुरू करेगी.
भारतीय कंपनियों के लिए खुल गए नए रास्ते- जीआरएसई
जीआरएसई के सीएमडी के मुताबिक, कंपनी 30 एमएम (सीआरएन-91) गन बनाने की भी उम्मीद कर रही है, जो लड़ाई के लिए सभी युद्धपोतों पर लगते हैं. रक्षा मंत्रालय के सैन्य हार्डवेयर के आयात पर रोक लगाने के बाद, भारतीय कंपनियों के लिए नए रास्ते खुल गए हैं. उन्होंने कहा, हमें इसका लाभ उठाने की जरूरत है. जीआरएसई द्वारा 30 मिमी नौसैनिक तोपों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.